क्या अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा दायर किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप प्रशासन के एच-1बी वीजा शुल्क के खिलाफ मुकदमा दायर किया।
- यह शुल्क गैरकानूनी और अमेरिकी कंपनियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
- चैंबर का कहना है कि इसका परिणाम अमेरिकी कंपनियों की श्रमिक क्षमता पर पड़ेगा।
वाशिंगटन, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक संगठन यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अदालत में एक मुकदमा दायर किया है। यह कानूनी कार्रवाई एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क के संदर्भ में की गई है, जिसे सरकार ने एक लाख डॉलर निर्धारित किया है। चैंबर का दावा है कि यह शुल्क “गैरकानूनी” है और इससे अमेरिकी कंपनियों को गंभीर नुकसान होगा।
वाशिंगटन की एक जिला अदालत में प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि यदि यह शुल्क लागू हुआ, तो अमेरिकी कंपनियों को या तो अपने श्रमिक खर्चों में वृद्धि करनी होगी या कुशल कर्मचारियों की संख्या को कम करना होगा, जिनके लिए घरेलू विकल्प सहजता से उपलब्ध नहीं हैं।
चैंबर ने ट्रंप के 19 सितंबर के आदेश को “स्पष्ट रूप से अवैध” और “अमेरिका के आर्थिक प्रतिद्वंद्वियों के लिए फायदेमंद” करार दिया। इसमें आगे कहा गया है, “यह घोषणा न केवल एक भ्रामक नीति है; बल्कि यह स्पष्ट रूप से गैरकानूनी भी है। राष्ट्रपति के पास गैर-नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर महत्वपूर्ण अधिकार है, लेकिन यह अधिकार कानून द्वारा सीमित है और कांग्रेस द्वारा पारित कानूनों का प्रतिकूल नहीं कर सकता।”
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष नील ब्रैडली ने कहा कि इस तरह का विशाल वीजा शुल्क अमेरिकी कंपनियों के लिए वैश्विक प्रतिभाओं को नियुक्त करना लगभग असंभव बना देगा, जबकि वर्तमान में अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अधिक श्रमिकों की आवश्यकता है।
चैंबर लगभग 300,000 प्रत्यक्ष सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है और अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका में 30 लाख से अधिक कंपनियों और पेशेवर संगठनों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
यह मुकदमा ट्रंप प्रशासन के नए एच-1बी नियमों के खिलाफ दायर की गई दूसरी प्रमुख कानूनी चुनौती है। इससे पहले 3 अक्टूबर को कई यूनियन, शिक्षा विशेषज्ञों और धार्मिक संस्थाओं ने भी इसी नीति के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। उनका कहना था कि ट्रंप का यह आदेश कई गलतियों से भरा हुआ है और एच-1बी कार्यक्रम के अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभों को नजरअंदाज करता है।
सितंबर में इस आदेश पर हस्ताक्षर करते समय ट्रंप ने कहा था कि इसका उद्देश्य अमेरिकी नागरिकों को अधिक रोजगार उपलब्ध कराना है। वाणिज्य सचिव हावर्ड लूटनिक ने भी इस नीति का समर्थन करते हुए कहा कि इससे कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को रखने से हतोत्साहित होंगी।