क्या यूनुस ने 'जुलाई घोषणा पत्र' जारी किया और 2024 के छात्र जन आंदोलन को संवैधानिक दर्जा देने का ऐलान किया?

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क्या यूनुस ने 'जुलाई घोषणा पत्र' जारी किया और 2024 के छात्र जन आंदोलन को संवैधानिक दर्जा देने का ऐलान किया?

सारांश

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने 'जुलाई घोषणा पत्र' का अनावरण किया, जिसमें 2024 के छात्र-जन आंदोलन को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही गई है। यह कदम बांग्लादेश की जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को दर्शाता है। क्या यह नया आंदोलन बांग्लादेश के भविष्य को बदल देगा?

Key Takeaways

  • जुलाई घोषणा पत्र बांग्लादेश के लोकतांत्रिक परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
  • 2024 के छात्र-जन आंदोलन को संवैधानिक मान्यता दी जाएगी।
  • यह घोषणा पत्र बांग्लादेश की जनता की आकांक्षाओं को प्रस्तुत करता है।
  • छात्र संगठनों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया है।
  • बांग्लादेश की सरकार को जनता के अधिकारों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

ढाका, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को संसद परिसर के साउथ प्लाजा में आयोजित जनसभा में ‘जुलाई घोषणा पत्र’ का अनावरण किया। उन्होंने बताया कि इस घोषणा पत्र को संशोधित संविधान के एक परिशिष्ट के रूप में स्वीकार किया जाएगा, और 2024 के छात्र-जन आंदोलन को देश के लोकतांत्रिक परिवर्तन का एक "मूल आधार" माना जाएगा।

यूनुस ने कहा कि "छात्र-जन विद्रोह 2024" को पूर्ण राज्य और संवैधानिक मान्यता प्रदान की जाएगी। आगामी राष्ट्रीय चुनाव के बाद गठित सरकार इसे संशोधित संविधान में शामिल करेगी।

इस जनसभा में बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर, जमात-ए-इस्लामी के गोलाम परवार, नेशनलिस्ट सिटीजन पार्टी के नाहिद इस्लाम, गणोसंहती आंदोलन के जोनायद साकी, नागरिक ओरिको के महमूदुर रहमान मन्ना और गोनो अधिकार परिषद के नुरुल हक नूर सहित कई नेता शामिल हुए।

यूनुस ने कहा कि यह घोषणा पत्र बांग्लादेश की जनता की आकांक्षाओं को प्रस्तुत करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता ने वर्तमान और भावी पीढ़ियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक पर्यावरणीय रूप से अनुकूल, जलवायु-संवेदनशील, सतत और समावेशी विकास योजना की अपेक्षा जताई है।

घोषणा पत्र पढ़ते हुए यूनुस ने कहा, "बांग्लादेश की जनता यह अपेक्षा करती है कि 2024 का छात्र-जन आंदोलन संवैधानिक मान्यता पाएगा और जुलाई घोषणा पत्र को संशोधित संविधान की अनुसूची में शामिल किया जाएगा।"

जुलाई घोषणा पत्र एक राजनीतिक घोषणापत्र है जो पिछले वर्ष अगस्त में अवामी लीग सरकार के पतन की पहली वर्षगांठ के अवसर पर जारी किया गया है। यह विचार सबसे पहले दिसंबर 2024 में छात्र विरोध आंदोलन के दौरान सामने आया था, जिसके बाद अंतरिम सरकार ने इसे जारी करने का निर्णय लिया।

हालांकि, इस कार्यक्रम का छात्र संगठनों ने बहिष्कार किया, जिनका नेतृत्व 2024 के जनांदोलन में महत्वपूर्ण था। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया और उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया गया है।

नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ संयोजक अब्दुल हन्नान मसूद ने सोशल मीडिया पर लिखा, "इस सरकार ने जुलाई विद्रोह के 158 संयोजकों और सह-संयोजकों को आमंत्रित नहीं किया। अगर वे आंदोलन का नेतृत्व करने वालों को सम्मान नहीं दे सकते, तो मैं स्वयं जुलाई घोषणा पत्र कार्यक्रम का बहिष्कार करता हूं।"

छात्र महासंघ के महासचिव सैकत आरिफ ने भी कहा कि उनके संगठन ने इस कार्यक्रम में भाग न लेने का फैसला किया है।

Point of View

जो लोकतंत्र और जन आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में अग्रसर है। यह छात्रों की आवाज को एक नई शक्ति देने की कोशिश है, जिससे भविष्य में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

जुलाई घोषणा पत्र क्या है?
जुलाई घोषणा पत्र एक राजनीतिक घोषणापत्र है जो बांग्लादेश के लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए तैयार किया गया है।
इसमें क्या प्रमुख बातें शामिल हैं?
इसमें 2024 के छात्र-जन आंदोलन को संवैधानिक मान्यता देने की घोषणा की गई है।
क्या यह आंदोलन बांग्लादेश के भविष्य को प्रभावित करेगा?
यह आंदोलन बांग्लादेश की राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
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