क्या यूनुस के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश में भीड़ के हमलों में 293 लोग मारे गए?
सारांश
Key Takeaways
- यूनुस की सरकार में बांग्लादेश में हिंसा में वृद्धि हुई है।
- हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले बढ़े हैं।
- मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है।
ढाका, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूनुस की अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में हिंसा, अराजकता और लक्षित हत्याओं की घटनाओं में तेजी आई है। हाल ही में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के युवकों की हत्या के तीन मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं के मद्देनज़र, बांग्लादेश के एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने देश भर में हो रहे अधिकारों के उल्लंघन को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।
संगठन ने भीड़ की हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, कस्टडी में मौत, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, राजनीतिक हिंसा में हत्या और प्रेस की आजादी पर रोक लगाने के मुद्दे को उठाया। संगठन के अनुसार, कई घटनाओं में कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने उचित कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिशों का अभाव भी देखा गया है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में देशभर की विभिन्न जेलों में कुल 107 लोगों की मौत हुई, जिनमें 69 कैदी और 38 कैदी शामिल हैं। ढाका सेंट्रल जेल में सबसे ज्यादा 38 मौतें हुईं, जबकि गाजीपुर में सात मौतें हुईं।
इसके अतिरिक्त, एएसके की सूचना सुरक्षा इकाई के मॉनिटरिंग अनुसार, 2025 में कम से कम 38 लोग न्यायेतर हत्याओं में मारे गए। कानून लागू करने वाली एजेंसियों की कस्टडी में यह मौतें टॉर्चर, कथित 'शूटआउट' या 'गनफाइट' के नाम पर हुईं। इस प्रकार की घटनाएं वर्तमान में मानवाधिकार संकट को दर्शाती हैं।
एएसके ने बताया कि जनवरी से दिसंबर 2025 के बीच बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की कम से कम 401 घटनाएं हुईं, जिनमें 102 लोगों की जान गई और 4,744 लोग घायल हुए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस दौरान कम से कम 381 पत्रकारों को टॉर्चर और परेशानियों का सामना करना पड़ा। 23 पत्रकारों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने निशाना बनाया और 20 को जान से मारने की धमकी मिली।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र करते हुए एएसके ने जनवरी से दिसंबर 2025 के बीच हुई कई हिंसक घटनाओं का उल्लेख किया। इनमें हमले, धमकी, लूटपाट, आगजनी और मूर्तियों को तोड़ने की घटनाएं शामिल हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अकेले इस वर्ष हिंदुओं को निशाना बनाकर 42 हमले हुए, जिसके परिणामस्वरूप 33 घरों को नुकसान पहुंचा, 36 घरों में आग लगाई गई, चार मंदिरों पर हमले हुए, 64 मूर्तियों को तोड़ा गया और नौ भूमि हड़पने की घटनाएं हुईं।
बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत मानवाधिकार उल्लंघनों और अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय पर लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है।