क्या योगिनी एकादशी पर 19 साल बाद बन रहा है गजब का संयोग?

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क्या योगिनी एकादशी पर 19 साल बाद बन रहा है गजब का संयोग?

सारांश

योगिनी एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत रखने से सुख समृद्धि, बीमारियों से मुक्ति और पूर्व जन्म के पापों से छुटकारा पाया जा सकता है। जानिए इस साल का अनोखा संयोग!

Key Takeaways

  • योगिनी एकादशी का व्रत सुख और समृद्धि लाता है।
  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।
  • 19 साल बाद योगिनी एकादशी और ग्रीष्म संक्रांति का संयोग बन रहा है।
  • राहूकाल के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • तुलसी के पत्तों को एक दिन पहले तोड़कर रखें।

नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही बीमारियों और पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।

पुराणों में योगिनी एकादशी को रोगों से मुक्त करने वाली सबसे प्रभावशाली तिथि माना गया है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से मानसिक या शारीरिक पीड़ा में हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है, और कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने से सांसारिक बंधनों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

यह व्रत व्यक्ति को इंद्रिय संयम और आत्म-चिंतन की प्रेरणा देता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी की जानी चाहिए। पूजा के दौरान भगवान विष्णु को मौसमी फल, पीले पुष्प और तुलसी अवश्य अर्पित करें। तुलसी के पत्तों को एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

21 जून उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति या सोलर सोलिस्टिस के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्य अपनी अधिकतम उत्तरी स्थिति में होता है, जिससे दिन की अवधि सबसे लंबी और रात की सबसे छोटी होती है। यह योग 19 साल बाद बन रहा है: योगिनी एकादशी और साल का सबसे बड़ा दिन एक ही दिन आ रहा है।

दृक पंचांग के अनुसार, इस दिन पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी। तिथि का समापन 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर होगा, वहीं राहूकाल का समय सुबह 08:53 से 10:38 तक रहेगा। इस प्रकार, 21 जून को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा। 21 जून को सूर्य जल्दी उदय होगा और देर से अस्त होगा, जिससे दिन की अवधि लगभग 14 घंटे की होगी।

Point of View

जो इसे एक अवसर के रूप में देखते हैं।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

योगिनी एकादशी का व्रत कब है?
योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को है।
इस दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
इस व्रत का महत्व क्या है?
इस व्रत से सुख, समृद्धि और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
क्या ये दिन खास है?
हाँ, 19 साल बाद योगिनी एकादशी और ग्रीष्म संक्रांति एक ही दिन आ रहे हैं।
राहूकाल का समय क्या है?
राहूकाल सुबह 08:53 से 10:38 तक रहेगा।