क्या पटना चिड़ियाघर गैंडा संरक्षण का केंद्र बन गया है, विश्व में दूसरा स्थान?

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क्या पटना चिड़ियाघर गैंडा संरक्षण का केंद्र बन गया है, विश्व में दूसरा स्थान?

सारांश

पटना चिड़ियाघर, जो अब गैंडा संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है, ने विश्व गैंडा दिवस पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में गैंडे के संरक्षण और प्रजनन पर चर्चा की गई, जिसमें कई विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया। जानें इस अद्भुत पहल के बारे में!

Key Takeaways

  • गैंडा संरक्षण का महत्व और आवश्यकता
  • पटना चिड़ियाघर की अंतरराष्ट्रीय पहचान
  • प्रजनन कार्यक्रम और जैव विविधता
  • छात्रों की भागीदारी और जागरूकता
  • प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का संदेश

पटना, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) में सोमवार को विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें गैंडे के संरक्षण और संवर्धन पर गहन चर्चा की गई।

इस मौके पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने अधिकारियों के साथ गैंडा बाड़े का अवलोकन किया। उन्होंने गैंडे के संरक्षण से जुड़ी जानकारी प्राप्त की और यहां किए जा रहे प्रजनन और संरक्षण कार्यों की सराहना की। गैंडा न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की शान है और इसका संरक्षण पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ जैव विविधता के लिए भी आवश्यक है।

इस अवसर पर एक विशेष सेमिनार का भी आयोजन किया गया, जिसमें बीएन कॉलेज, पटना वीमेंस कॉलेज और जेडी वीमेंस कॉलेज के जूलॉजी विभाग के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सेमिनार में विशेषज्ञों ने गैंडे की प्रजातियों, उनकी जीवन शैली, वर्तमान चुनौतियों और संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने प्रश्नोत्तर सत्र में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर अपने विचार रखे।

प्रधान सचिव आनंद किशोर ने कहा कि गैंडा हमारे प्राकृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। हमारा संजय गांधी जैविक उद्यान पूरे विश्व में गैंडा संरक्षण एवं प्रजनन में सैन डिएगो जू के बाद दूसरे स्थान पर आता है। पटना जू में गैंडा संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना का उद्देश्य यह था कि उन्हें प्राकृतिक आवास का आभास हो जो उनके संरक्षण और संवर्धन में सहायक हो।

उन्होंने कहा कि पटना जू इस दिशा में एशिया के अग्रणी संस्थानों में गिना जाता है, जहां वर्तमान में गैंडों की अच्छी संख्या है और प्रजनन केंद्र स्थापित है। आज हमारे पास छह नर और चार मादा गैंडे मौजूद हैं। वन्यप्राणी अदला-बदली के तहत समय-समय पर देश के कई चिड़ियाघरों में 11 गैंडों को भेजा जा चुका है और बदले में जैव विविधता के दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण जानवरों की प्राप्ति हुई है।

इस अवसर पर प्रधान सचिव ने प्रकृति के प्रति अपना लगाव बनाए रखने का संदेश देते हुए कहा कि आस-पास जैव विविधता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जितनी भी चीजें हैं, उनका संरक्षण करने में अपना योगदान दें।

Point of View

NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

पटना चिड़ियाघर में गैंडा संरक्षण कार्यक्रम कब शुरू हुआ?
पटना चिड़ियाघर में गैंडा संरक्षण कार्यक्रम विश्व गैंडा दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।
पटना चिड़ियाघर में गैंडों की संख्या कितनी है?
पटना चिड़ियाघर में वर्तमान में छह नर और चार मादा गैंडे मौजूद हैं।
गैंडा संरक्षण का महत्व क्या है?
गैंडा संरक्षण पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता के लिए अत्यंत आवश्यक है।
क्या पटना चिड़ियाघर में गैंडा प्रजनन केंद्र है?
हाँ, पटना चिड़ियाघर में गैंडा प्रजनन केंद्र स्थापित है।
गैंडे के संरक्षण के लिए कौन से कदम उठाए जा रहे हैं?
गैंडे के संरक्षण के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम, प्रजनन और अदला-बदली जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।