क्या झारखंड के चाईबासा में मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी माओवादी ढेर हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- चाईबासा में मुठभेड़ में 10 लाख का इनामी माओवादी मारा गया।
- सुरक्षा बलों ने कई हथियार बरामद किए।
- मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन जारी है।
- यह घटना पिछले कुछ दिनों में हुई अन्य मुठभेड़ों से जुड़ी है।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
चाईबासा, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के चाईबासा में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में 10 लाख रुपए के इनामी माओवादी को खत्म कर दिया गया। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की पुष्टि की।
यह मुठभेड़ पश्चिम सिंहभूम जिले के गोइलकेरा पुलिस स्टेशन क्षेत्र के सरंडा जंगल में हुई। इस दौरान सुरक्षा बलों ने अमित हासदा उर्फ आप्तन को मार गिराया। पुलिस अधीक्षक पारस राणा ने यह जानकारी प्रदान की।
घटनास्थल से एक एसएलआर राइफल, विस्फोटक और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ के बाद, सुरक्षाकर्मियों ने जंगल में अन्य माओवादी ठिकानों की पहचान के लिए एक व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। अभी जांच जारी है और आगे की जानकारी का इंतजार किया जा रहा है।
यह घटना झारखंड के पालामू जिले में प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के माओवादियों के साथ हुई हिंसक गोलीबारी के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए थे और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था।
3 सितंबर को लगभग 1 से 1:30 बजे के बीच मनातू पुलिस स्टेशन क्षेत्र के घने केदल जंगल में यह गोलीबारी हुई। उस समय सुरक्षाकर्मी खुफिया जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, 3 सितंबर को यह ऑपरेशन तब शुरू किया गया जब यह जानकारी मिली कि टीएसपीसी का खूंखार जोनल कमांडर शशि कांत गंजू, जिस पर 10 लाख रुपए का इनाम है, कर्मो त्योहार के दौरान अपने पैतृक गांव केदल जा सकता है।
सुरक्षा बल जब आगे बढ़े तो, गंजू और उसके साथियों ने कथित तौर पर पुलिस टीम पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे दोनों ओर से भारी गोलीबारी होने लगी।
मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। घायलों को तुरंत डालटनगंज के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया।
जान गंवाने वाले जवानों की पहचान संतन कुमार और सुनील राम के रूप में हुई। इनमें से एक पलामू के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का बॉडीगार्ड था।