क्या 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है? दिल्ली में शिविर लगाने की तैयारी शुरू?

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा का आरंभ 11 जुलाई को होगा।
- दिल्ली में कांवड़ शिविर का आयोजन किया जाएगा।
- सरकार ने पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है।
- वित्तीय सहायता सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
- अवश्यक अनुमतियां 72 घंटे में जारी होंगी।
नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 11 जुलाई से कांवड़ यात्रा का आरंभ होने जा रहा है और 23 जुलाई को शिवरात्रि पर इसका समापन होगा। कांवड़ यात्रा के लिए दिल्ली में विभिन्न कांवड़ समितियों द्वारा जगह-जगह शिविर लगाने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि किसी भी शिव भक्त को कोई कठिनाई न हो। सीलमपुर की कांवड़ सेवा समिति भी इस वर्ष 11 से 23 जुलाई तक कांवड़ सेवा का आयोजन करेगी।
समिति के सदस्य ओम प्रकाश मित्तल ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हर साल की तरह इस वर्ष भी कांवड़ शिविर संचालित किया जाएगा। भक्तों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने सरकारी नीतियों में बदलाव किया है। अब समितियों के बैंक खातों में धनराशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज जमा किए जा रहे हैं और जिनके पास बैंक खाता नहीं है, उन्हें खाता खोलने में मदद की जा रही है। तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांवड़ यात्रा की तैयारियों को लेकर कहा था कि जो कांवड़ यात्रा वर्षों तक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का शिकार रही, वह अब सेवा, पारदर्शिता और सुशासन का प्रतीक बनेगी। पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान कांवड़ शिविरों में वित्तीय अनियमितताओं और अनुमति में देरी की कई शिकायतें आई थीं। अब दिल्ली सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंजीकृत समितियों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता सीधे (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से प्रदान की जाएगी, जिससे बिचौलिया व्यवस्था और भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही, कांवड़ शिविर आयोजन के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां अब सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए 72 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से जारी की जाएंगी, ताकि समितियों को दौड़ने की आवश्यकता न पड़े और वे पूरी तन्मयता से शिव भक्तों की सेवा कर सकें।
ज्ञात हो कि श्रावण मास भगवान शिव के लिए अत्यंत प्रिय है। यह पवित्र महीना 11 जुलाई (शुक्रवार) से शुरू होगा। इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और कांवड़ यात्रा के माध्यम से गंगा जल अर्पित कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की कामना करते हैं। सावन का महीना भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष समय माना जाता है।