क्या एसआईआर कराकर महागठबंधन के वोट काटे गए, हमें हराया गया : पप्पू यादव?
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की हार में एसआईआर की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
- पप्पू यादव ने साजिश का आरोप लगाया है।
- बिहार की राजनीति में अंदरूनी कलह का असर पड़ता है।
पटना, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के परिणामों में महागठबंधन को बेहद कम सीटें प्राप्त हुई हैं। गठबंधन में शामिल दलों के बीच हार की समीक्षा का कार्य जारी है। इसी बीच, कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने महागठबंधन की हार का कारण एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) को ठहराया।
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "बिहार चुनाव में हम हारे नहीं, बल्कि हराए गए। एनडीए गठबंधन ने 128 सीटों पर उतनी मार्जिन से जीत हासिल की, जितनी एसआईआर करके महागठबंधन के वोट काटे गए। इसके बाद लगभग 21 लाख भाजपा के वोट जोड़े गए। 27 वोट से 11,000 तक के मार्जिन में 128 सीट एनडीए ने जीती है। जो वोट काटे गए, वे अल्पसंख्यक, यादव और एससी-एसटी के हैं। 6 तारीख को सभी के अकाउंट में पैसा गया। इसलिए मेरा कहना है कि हम हारे नहीं, बल्कि हराए गए हैं।"
रोहिणी आचार्य के प्रकरण पर पप्पू यादव ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "इस घटना से सभी का सेंटिमेंट जुड़ा हुआ है। बिहार में महिलाओं के नाम पर वोट चोरी की गई। दूसरी ओर, हमारी जो कमियां रहीं, उनके पीछे कौन है? यह समझने की आवश्यकता है। रोहिणी आचार्य ने जिन दो-तीन लोगों का नाम लिया, वही बात तेज प्रताप भी कह रहे हैं। बिहार में राजद के कार्यकर्ता हों या 'इंडिया' ब्लॉक के अन्य दलों के कार्यकर्ता, सभी ने बताया कि पार्टी में ऐसे लोग हैं, जो विभीषण और जयचंद का काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "बहनों और बेटियों को लेकर ऐसे आरोप बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं। पार्टी को इस स्थिति में लाने, सामाजिक समरसता को बिगाड़ने और परिवार को तोड़ने में जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें माफ नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को पार्टी से निकालना चाहिए। मैं चाहूंगा कि लालू यादव आगे आएं। मैं लालू यादव के बेटे की तरह हूं और हमेशा उनके सम्मान के साथ खड़ा रहूंगा।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "ऐसी बातें केवल लालू यादव और उनके परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए गंभीर विषय हैं। सिर्फ मैं नहीं, बल्कि पूरे बिहार के कार्यकर्ता और राजद के लोग लालू परिवार को एक देखना चाहते हैं। तेजस्वी यादव से मैं कहूंगा कि यह हार पूरे बिहार के गरीब जनता की हुई है। मैं इसका आरोप केवल आप पर नहीं लगा सकता। मुझे पता है कि यह हार आपके कारण नहीं बल्कि किसी साजिशकर्ता के कारण हुई है, लेकिन कहीं न कहीं हम लोग भी दोषी हैं, चाहे कांग्रेस में कुछ लोग हों या फिर राजद में जयचंद और मानसिंह जैसे लोग। उन सभी को नहीं बख्शा जाना चाहिए। मैं रोहिणी से अनुरोध करूंगा कि परिवार से रिश्ता कभी नहीं टूटता। वे बड़ी हैं और उन्हें माफ करना चाहिए।