क्या 14 नवंबर को बदलाव नहीं होगा तो जनता को होगा नुकसान?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार में बदलाव की आवश्यकता है।
- जनता के वोट महत्वपूर्ण हैं।
- एनडीए और महागठबंधन के स्वार्थ को पहचानना चाहिए।
- उदय सिंह का विश्वास है कि 14 नवंबर को बदलाव संभव है।
- लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।
पटना, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद, जहां एनडीए और महागठबंधन के नेता अगली सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह का कहना है कि अगर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए मतदान नहीं किया, तो यह उनके लिए नुकसानदायक होगा, जन सुराज के लिए नहीं।
उदय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि बिहार की जनता ने बदलाव के लिए अपने मत दिए हैं। मतदान का प्रतिशत इसी ओर संकेत कर रहा है। यदि बदलाव नहीं होता है, तो यह जनता के लिए ही हानिकारक होगा। बिहार में जन सुराज को कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि जन सुराज केवल सरकार बनाने के लिए नहीं आया है, बल्कि बिहार में बदलाव लाने का उद्देश्य लेकर आया है। अगर बिहार में बदलाव होता है, तो इसका लाभ जनता को होगा, क्योंकि एनडीए और महागठबंधन केवल सत्ता में बने रहने के लिए स्वार्थी हैं।
उन्होंने मतदान प्रतिशत के संबंध में यह भी कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि 14 नवंबर को बिहार में जन सुराज की सरकार का गठन होगा।
उदय सिंह ने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हुए हमले पर कहा कि यह अत्यंत निंदनीय है। लोकतंत्र में किसी पर हमला करना कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है, और उपमुख्यमंत्री को स्वयं बताना चाहिए कि उन्होंने अपने राज्य में कानून-व्यवस्था के क्या उपाय किए हैं। यदि लोगों में गुस्सा है, तो उसे व्यक्त करने के कई उचित तरीके हैं। मैं इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूँ, ऐसा नहीं होना चाहिए।
ज्ञात हो कि पहले चरण के मतदान के बाद अब दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा। मतदाता आश्वस्त हैं कि जिस प्रकार पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण रहा, उसी प्रकार दूसरा चरण भी सफल होगा। 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।