क्या सरकार को 2019 के बाद के बदलावों की ईमानदारी से समीक्षा करनी चाहिए? महबूबा मुफ्ती का लद्दाख पर बयान

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क्या सरकार को 2019 के बाद के बदलावों की ईमानदारी से समीक्षा करनी चाहिए? महबूबा मुफ्ती का लद्दाख पर बयान

सारांश

लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बीच महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार की नीतियों की समीक्षा की मांग की है। क्या 2019 के बाद के बदलावों ने इस स्थिति को जन्म दिया? जानें इस विवाद के बारे में।

Key Takeaways

  • लद्दाख में हालिया हिंसक घटनाएँ हुई हैं।
  • महबूबा मुफ्ती ने सरकार से समीक्षा की मांग की है।
  • उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा न मिलने की बात की है।

लेह, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप देखने को मिला। इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार २०१९ के बाद से हुए बदलावों की ईमानदारी से समीक्षा करे।

महबूबा मुफ्ती ने लेह हिंसा की एक वीडियो पोस्ट करते हुए आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "यह वीडियो कश्मीर घाटी का नहीं, बल्कि लद्दाख के दिल से है, जहां गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों और भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।"

उन्होंने आगे कहा कि लेह, जो हमेशा शांतिपूर्ण और संयमित विरोध के लिए जाना जाता रहा है, अब हिंसक प्रदर्शनों की राह पर बढ़ रहा है।

उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "लोग अब सब्र खो चुके हैं, उन्हें धोखा, असुरक्षा और वादाखिलाफी का अहसास हो रहा है। सरकार को अब रोजमर्रा की संकट प्रबंधन से ऊपर उठकर इस असंतोष की जड़ों को समझना होगा और पारदर्शिता के साथ समाधान निकालना होगा।"

वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "लद्दाख को तो राज्य का दर्जा कभी वादा ही नहीं किया गया था, उन्होंने २०१९ में केंद्र शासित प्रदेश बनने का जश्न मनाया था। आज वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अब जरा सोचिए कि जम्मू-कश्मीर में हम लोग कितने निराश और ठगे हुए महसूस करते हैं, जब जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा नहीं हो रहा, जबकि हम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और जिम्मेदारी से इसकी मांग करते रहे हैं।"

बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हुई हिंसा में कांग्रेस पार्टी का एक स्थानीय नेता सक्रिय रूप से शामिल था।

मालवीय ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति फुंतसोग स्टैनजिन त्सेपग है, जो कांग्रेस पार्टी के ऊपरी लेह वार्ड से पार्षद हैं।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो में यह कांग्रेस नेता साफ तौर पर भीड़ को उकसाते हुए और हिंसा में भाग लेते हुए नजर आ रहा है, जिसने भाजपा कार्यालय और हिल काउंसिल को निशाना बनाया।

मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में सवाल पूछते हुए लिखा, "क्या यही वह अशांति है जिसकी कल्पना राहुल गांधी कर रहे हैं?"

Point of View

यह स्पष्ट है कि लद्दाख में हालिया घटनाएँ स्थानीय लोगों की असुरक्षा और निराशा को दर्शाती हैं। सरकार को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा और समाधान खोजना होगा।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं?
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि सरकार को 2019 के बाद हुए बदलावों की ईमानदारी से समीक्षा करनी चाहिए।
लद्दाख में हाल ही में क्या हुआ?
लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों और भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।
उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख को राज्य का दर्जा कभी वादा नहीं किया गया था और लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।