क्या 2025 में इनकम टैक्स में छूट और जीएसटी सुधार से आम आदमी को बचत में मदद मिली?
सारांश
Key Takeaways
- इनकम टैक्स में छूट बढ़ाकर 12 लाख रुपए की गई।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ छूट बढ़कर 12.75 लाख रुपए हो गई।
- जीएसटी स्लैब 4 से 2 में घटाए गए।
- 453 वस्तुओं की जीएसटी दर में बदलाव हुआ।
- टोल पास की कीमत 3,000 रुपए रखी गई।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष, केंद्र सरकार ने आम आदमी के लिए टैक्स का बोझ घटाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें इनकम टैक्स में कटौती, जीएसटी सुधार, और वार्षिक टोल पास जैसे उपाय शामिल हैं।
आम बजट 2025 में, सरकार ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के अंतर्गत छूट की सीमा को 7 लाख रुपए से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने की घोषणा की।
यदि स्टैंडर्ड डिडक्शन के अंतर्गत मिलने वाली 75,000 रुपए की छूट को मिलाया जाए, तो यह 12.75 लाख रुपए तक पहुंच जाती है। इसका अर्थ है कि कोई भी नौकरीपेशा व्यक्ति 12.75 लाख रुपए तक की आय पर इनकम टैक्स छूट का दावा कर सकता है।
सरकार का अगला बड़ा कदम जीएसटी 2.0 है। इसके तहत, जीएसटी स्लैब की संख्या को चार से घटाकर दो कर दिया गया है - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। लग्जरी और सिन गुड्स पर जीएसटी की दर 40 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
नई जीएसटी दरें लागू होने के बाद, 453 वस्तुओं की जीएसटी दर में बदलाव हुआ, जिसमें से 413 वस्तुओं की दरों में कमी आई। लगभग 295 आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत/शून्य हो गई है।
इसके अंतर्गत, 1,200 सीसी या उससे कम की पेट्रोल कारों और 1,500 सीसी या उससे कम की डीजल कारों पर जीएसटी की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
इन सुधारों का लक्ष्य देश की आर्थिक विकास दर को बढ़ाना था। वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले कई तिमाहियों में सबसे अधिक है।
सरकार ने टोल टैक्स के बोझ को कम करने के लिए एनुअल पास की घोषणा की है, जिसे 15 अगस्त से लागू किया गया है। इसके अंतर्गत, फास्टैग वार्षिक पास वाहन चालकों को दिया जा रहा है। इसकी कीमत 3,000 रुपए है, जिससे कोई भी वाहन चालक 200 टोल प्लाजा पार कर सकता है।