क्या 78 वर्ष से पीएसी का इतिहास अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण से भरा रहा?

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क्या 78 वर्ष से पीएसी का इतिहास अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण से भरा रहा?

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएसी के स्थापना दिवस पर बल की उपलब्धियों और साहस का जिक्र किया। योगी ने जवानों को अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण पर जोर दिया, इस तरह सरकार की सुरक्षा नीति को और मजबूत करने का आश्वासन दिया।

Key Takeaways

  • पीएसी का 78 वर्ष का गौरवशाली इतिहास है।
  • योगी आदित्यनाथ ने जवानों को अनुशासन और साहस पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।
  • सरकार ने पीएसी की सुविधाओं में सुधार का आश्वासन दिया।
  • यूपी में महिलाओं के लिए पुलिस में भर्ती के अवसर हैं।
  • पीएसी ने आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

लखनऊ, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 78 वर्ष से पीएसी बल का इतिहास अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण से परिपूर्ण रहा है। उन्होंने जवानों से अपील की कि साहस, अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, व्यावसायिक दक्षता और कठिन प्रशिक्षण ही आपकी पहचान बननी चाहिए। सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि आपके सम्मान और सरकार के स्तर पर मिलने वाली सुविधा-संसाधन में लगातार वृद्धि होती रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आत्मविश्वास का मूल आधार कानून का राज है। कानून का राज सुरक्षा के बेहतर माहौल में ही सुशासन की गारंटी दे सकता है। सुशासन में ही निवेश सुरक्षित हो सकता है और सुरक्षित निवेश ही युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बन सकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीएसी के स्थापना दिवस समारोह-2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने पीएसी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन और अवलोकन किया। पीएसी बल को 78 वर्ष के गौरवशाली इतिहास के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा कि यूपी में पीएसी बल आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन, महत्वपूर्ण त्योहारों, अतिविशिष्ट महानुभावों के आगमन, और लोकतंत्र के महापर्व ‘चुनाव’ को शांतिपूर्ण ढंग से सुनिश्चित करने का कार्य करता है। पीएसी के अधिकारी और कार्मिक विभिन्न आयामों के माध्यम से न केवल यूपी, बल्कि देश के अंदर भी यूपी पीएसी बल, एसएसएफ, यातायात पुलिस, प्रतिसार निरीक्षक ड्यूटी, प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षक, एटीएस और एसटीएफ कमांडो के रूप में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

सीएम योगी ने पीएसी बल के अदम्य साहस की चर्चा की। उन्होंने बताया कि 30वीं वाहिनी के जवानों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले का जवाब दिया और पांचों आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया। जुलाई 2005 में श्रीराम जन्मभूमि परिसर अयोध्या में आतंकी हमले के दौरान सीआरपीएफ, पीएसी और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम ने सभी आतंकियों को मार गिराया।

उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित करते हुए यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखा है और आंतरिक सुरक्षा के माध्यम से यूपी की बेहतर छवि को देश के सामने प्रस्तुत करने में सफलता हासिल की है। संख्या, क्षमता, प्रशिक्षण और तकनीक के स्तर पर पीएसी को सशक्त बनाने का कार्य निरंतर जारी है। अत्याधुनिक हथियारों और दंगा नियंत्रण उपकरणों से सुसज्जित करते हुए पीएसी को एसएलआर, इंसास राइफल, मल्टीसेल लांचर, एंटी-राइड गन, टियर गैस गन समेत अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण भी प्रदान किए गए हैं।

सीएम योगी ने कहा कि पीएसी कार्मिकों की व्यावसायिक दक्षता में सुधार के लिए पूर्व में प्रशिक्षित पाठ्यक्रम को अपडेट कर एबीसी आदि ग्रेड सुनिश्चित कर उन्हें बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। हमारी सरकार ने पीएसी में 41,893 आरक्षियों और 698 प्लाटून कमांडर की भर्ती की। सीधी भर्ती के अंतर्गत प्लाटून कमांडर के पद पर 1,648 तथा आरक्षी के पद पर 15,131 अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। इसमें 135 प्लाटून कमांडर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है। शीघ्र ही यह भर्ती भी संपन्न होगी। सेवा के दौरान दिवंगत जवानों के 396 आश्रितों को आरक्षी और 58 आश्रितों को प्लाटून कमांडर के पद पर सेवायोजन प्रदान किया गया।

सीएम योगी ने कहा कि पुलिस कल्याण योजना के अंतर्गत 31 पुलिस मॉडर्न स्कूल संचालित हैं। पीएसी स्थापना दिवस के अवसर पर पहली बार पुलिस मॉडर्न स्कूलों में भी बेस्ट परफॉर्मेंस (पीएमएस) का चयन किया गया है। पीएसी के जवानों को बाजार से कम दाम पर सामान्य आवश्यकता की वस्तुएं प्राप्त हो सकें, इसके लिए 13 मास्टर कैंटीन और 103 सब्सिडियरी कैंटीन संचालित हैं। पीएसी की 31 वाहिनी में 202 जवानों की आवासीय व्यवस्था के लिए जी प्लस 11, बहुमंजिला बैरकों के निर्माण का कार्य तेजी से बढ़ाया गया है।

सीएम योगी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए यूपी में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की छह कंपनियों में 18 टीमें प्रदेश को सेवाएं प्रदान कर रही हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रदेश पुलिस को बढ़ावा देने के लिए दो प्रतिशत पद कुशल खिलाड़ियों की भर्ती के लिए आरक्षित किए गए हैं। पहली बार 480 कुशल खिलाड़ियों की भर्ती हमारी सरकार द्वारा संपन्न की जा चुकी है।

सीएम योगी ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस 2024 पर खेल के बजट को 70 लाख से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया है। 2025 में प्रदेश पुलिस की टीम की ओर से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हुए खिलाड़ियों द्वारा 14 स्वर्ण पदक, दो रजत और तीन कांस्य पदक अर्जित किए गए।

उन्होंने कहा कि यूपी में सुरक्षा व सुशासन का बेहतर माहौल है और सरकार की अपराध व अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी है। विगत 8 वर्ष में यूपी पुलिस बल में 2.19 लाख कार्मिकों की भर्ती की गई। इसमें 20 फीसदी महिलाओं का आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। यूपी पुलिस बल में 44 हजार से अधिक महिला पुलिस कार्मिक सेवाएं प्रदान कर रही हैं। पुलिस की ट्रेनिंग क्षमता में कई गुना वृद्धि हुई है। कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया। मॉडर्न पुलिसिंग, साइबर थानासाइबर सेल यूपी पुलिस की पहचान बनी है।

प्रदेश में अत्याधुनिक 12 एफएसएल लैब बनकर तैयार हैं। छह नए प्रचलित हैं।

Point of View

जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृष्टि और सुरक्षा नीतियों की चर्चा की गई है। यह लेख न केवल प्रदेश में सुरक्षा के माहौल को स्पष्ट करता है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का भी स्रोत है।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

पीएसी का इतिहास कब से शुरू होता है?
पीएसी का इतिहास 78 वर्ष पुराना है, जिसे 1945 में स्थापित किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएसी के जवानों से क्या कहा?
उन्होंने जवानों से साहस, अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण पर जोर दिया।
सरकार ने पीएसी की सुविधाओं में क्या सुधार किए हैं?
सरकार ने जवानों की सुविधाओं में वृद्धि का आश्वासन दिया है।
पीएसी ने आपदा प्रबंधन में क्या भूमिका निभाई है?
पीएसी ने आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान।
क्या यूपी में महिलाओं के लिए पुलिस में अवसर हैं?
जी हां, यूपी पुलिस में 20 फीसदी महिलाओं का आरक्षण सुनिश्चित किया गया है।
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