क्या एयर इंडिया 1 सितंबर से दिल्ली-वॉशिंगटन डीसी के लिए उड़ान सेवाएं बंद कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी के बीच उड़ानें अस्थायी रूप से बंद हैं।
- उड़ानें बंद करने का कारण विमान की कमी है।
- यात्रियों को वैकल्पिक उपाय दिए जाएंगे।
- एयर इंडिया अभी भी अन्य अमेरिकी गेटवे से उड़ानें संचालित कर रहा है।
- रीफिटिंग कार्यक्रम 2026 के अंत तक चलेगा।
गुरुग्राम, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एयर इंडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी है कि वह 1 सितंबर से दिल्ली और वॉशिंगटन डीसी के बीच की सीधी उड़ानें अस्थायी रूप से बंद करने जा रही है। यह निर्णय कुछ संचालन से जुड़ी समस्याओं के कारण लिया गया है, जिससे एयर इंडिया अपने पूरे रूट नेटवर्क की विश्वसनीयता बनाए रख सके।
उड़ान सेवाओं को रोकने का मुख्य कारण एयर इंडिया के बेड़े में विमानों की अस्थायी कमी है। पिछले महीने, एयर इंडिया ने 26 बोइंग 787-8 विमानों का रीफिटिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इस महत्वपूर्ण परिवर्तन का उद्देश्य यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करना है, लेकिन इसके चलते कई विमान लंबे समय तक सेवा से बाहर रहेंगे। यह प्रक्रिया 2026 के अंत तक जारी रहेगी।
इसके अलावा, पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र अभी भी बंद होने के कारण लंबी दूरी की उड़ानों का मार्ग जटिल हो गया है, जिससे संचालन में और भी समस्याएँ आ रही हैं। जिन यात्रियों ने 1 सितंबर 2025 के बाद वॉशिंगटन डीसी के लिए एयर इंडिया से टिकट बुक किए हैं, उन्हें एयर इंडिया द्वारा संपर्क किया जाएगा। उन्हें अन्य विकल्प दिए जाएंगे, जिसमें दूसरी उड़ानों पर बुकिंग या पूरा रिफंड शामिल है।
हालांकि, एयर इंडिया वॉशिंगटन डीसी के लिए सीधी उड़ानें बंद कर रही है, लेकिन यात्री अब भी एयर इंडिया के चार अमेरिकी गेटवे (न्यूयॉर्क, नेवार्क, शिकागो और सैन फ्रांसिस्को) से एक स्टॉप के साथ यात्रा कर सकते हैं। इन रूट्स पर एयर इंडिया की साझेदारी अलास्का एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयर लाइंस के साथ है, जिससे यात्रियों को एक ही टिकट और सीधे गंतव्य तक चेक-इन बैगेज की सुविधा प्राप्त होगी।
एयर इंडिया अब भी भारत और उत्तरी अमेरिका के छह शहरों के बीच सीधी उड़ानें जारी रखेगी, जिनमें कनाडा के टोरंटो और वैंकूवर भी शामिल हैं। एयर इंडिया ग्रुप में एयर इंडिया (फुल-सर्विस इंटरनेशनल एयरलाइन) और एयर इंडिया एक्सप्रेस (लो-कॉस्ट रीजनल एयरलाइन) शामिल हैं, जिसकी स्थापना 1932 में जेआरडी टाटा ने की थी।