'गजनी 2' बनाना पड़ेगा क्या, आमिर खान को कास्ट करने की आवश्यकता नहीं है: नितेश राणे

Click to start listening
'गजनी 2' बनाना पड़ेगा क्या, आमिर खान को कास्ट करने की आवश्यकता नहीं है: नितेश राणे

सारांश

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने अमेरिका द्वारा मछली और मत्स्य उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने को एक अवसर बताया। उनका कहना है कि भारत को अपने निर्यात बाजारों में विविधता लानी चाहिए। उन्होंने घरेलू मत्स्य पालन को मजबूत करने पर भी जोर दिया। जानिए इस विषय पर उनका क्या कहना है!

Key Takeaways

  • भारत को अमेरिकी बाजार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
  • घरेलू मत्स्य पालन को मजबूत करने की आवश्यकता है।
  • मत्स्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश करें।
  • नागरिकों से मछली की खपत बढ़ाने की अपील।
  • वोट जिहाद पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

मुंबई, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने अमेरिका द्वारा मछली और मत्स्य उत्पादों पर टैरिफ में बढ़ोतरी पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे एक चुनौती नहीं, बल्कि भारत के लिए एक सुनहरा अवसर बताया है।

नितेश राणे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मछली और मत्स्य उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ अप्रैल में 16.5 प्रतिशत था, जो अगस्त में लगभग 60 प्रतिशत तक पहुँच गया है। अब समय आ गया है कि हम बदलाव लाएं।"

उन्होंने कहा कि इस बदलाव के कारण भारत के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना महंगा और कठिन हो गया है। राणे ने सुझाव दिया कि अब भारत को अमेरिकी बाजार पर निर्भर रहने के बजाय अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, उन्होंने घरेलू मत्स्य पालन व्यवस्था को मजबूत करने पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि भारत का एक्वाकल्चर और मत्स्य क्षेत्र संभावनाओं से भरपूर है। अगर हम अमेरिका के अलावा दूसरे वैश्विक बाजारों की ओर ध्यान दें, तो हम भविष्य के लिए एक मजबूत 'ब्लू इकोनॉमी' बना सकते हैं।

राणे ने भरोसा जताया कि कोई भी टैरिफ भारत की तरक्की की रफ्तार को नहीं रोक सकता। उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर वैश्विक मत्स्य बाजार में भारत को अग्रणी बनाने की अपील की।

उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जो लोग नॉनवेज खाते हैं, वे अपने डाइट में मछली की मात्रा बढ़ा दें। इससे हमारे मत्स्य उत्पादकों का फायदा होगा और जो माल विदेशों में भेजा जाता था, अब भारत में ही रहेगा। इससे हमारे मत्स्य उत्पादक आत्मनिर्भर बनेंगे। अमेरिका के अलावा हमारे पास यूरोप और वियतनाम भी एक अच्छा विकल्प है। लेकिन, भारत के बाहर निर्यात पर ध्यान देने के बजाय हमें इसे घरेलू बाजार में लाना होगा।"

उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हमारे देश में करीब 60-70 प्रतिशत लोग नॉनवेज खाते हैं, यदि ये लोग खाने में मछली की मात्रा बढ़ा दें, तो इसका सीधा फायदा हमारे मत्स्य उत्पादकों को होगा।

इंडिया गठबंधन के दिल्ली में प्रदर्शन पर राणे ने कहा, "लोकसभा में वोट जिहाद के बाद इनके सांसद जीतकर आए। महाराष्ट्र के एक ही संसदीय क्षेत्र में बहुत सारे वोट मिले, तो इसके बारे में भी इनको बताना चाहिए। वोट जिहाद के बारे में भी इन लोगों को आंदोलन करना चाहिए।"

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "राहुल गांधी और उनके लोग इतनी हिम्मत नहीं रखते कि चुनाव आयोग को शपथपत्र दें। जितना समय प्रोटेस्ट करने में बिता रहे हैं, उससे अच्छा होगा कि चुनाव आयोग को शपथपत्र दे दें। इन लोगों को शपथपत्र नहीं देना है, वोट जिहाद के बारे में बोलना नहीं है, बस सड़क पर बैठकर तमाशा करना है।"

दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे की ओर से मुंबई में मानिक राव कुकाटे के इस्तीफे और योगेश कदम पर कार्रवाई की मांग को लेकर किए गए विरोध-प्रदर्शन पर राणे ने तंज कसा और कहा, "उद्धव ठाकरे ने नवाब मलिक का इस्तीफा लिया था क्या? अनिल देशमुख का इस्तीफा लिया था क्या? अगर 'गजनी 2' बनाना पड़ेगा, तो आमिर खान को कास्ट करने की आवश्यकता नहीं है, उद्धव ठाकरे रेडीमेड हैं।"

--आईएएनएस

वीकेयू/एबीएम

Point of View

वे न केवल मत्स्य उत्पादकों के लिए, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी हो सकते हैं।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

नितेश राणे ने अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने पर क्या प्रतिक्रिया दी?
नितेश राणे ने इसे एक अवसर बताया और सुझाव दिया कि हमें अपने निर्यात बाजारों में विविधता लानी चाहिए।
उन्होंने घरेलू मत्स्य पालन पर क्यों जोर दिया?
उन्होंने कहा कि इससे हमारे मत्स्य उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
क्या राणे ने वोट जिहाद पर भी टिप्पणी की?
हाँ, उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन पर वोट जिहाद के मुद्दे पर भी चर्चा की।