क्या बीजापुर में किसानों को खेती करने से रोक रहा है वन विभाग?

सारांश
Key Takeaways
- किसानों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- विधायक विक्रम मंडावी ने इस मामले की गंभीरता को समझा।
- ग्रामीणों की पैतृक भूमि की सुरक्षा की आवश्यकता है।
बीजापुर, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के 22 गांवों के किसानों ने वन विभाग पर खेती करने से रोकने का आरोप लगाया है। इस समस्या की शिकायत किसानों ने जनदर्शन कार्यक्रम में विधायक विक्रम मंडावी के सामने रखी। ग्रामीणों ने कलेक्टर और डीएफओ से भी इस संबंध में लिखित शिकायत की।
बीजापुर के तारालागुड़ा इलाके की चार पंचायतों के 22 गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने वन विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी पैतृक और पट्टे की जमीन पर खेती करने से विभाग रोक रहा है। खेत जोतने वाले किसानों के हल और ट्रैक्टर तक जब्त किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने सोमवार को विधायक विक्रम मंडावी के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचकर अपनी पीड़ा सुनाई। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कुछ कर्मचारी बदले की भावना से किसानों को परेशान कर रहे हैं। विशेष रूप से बिट गार्ड चलपत गोटा के रवैये से ग्रामीण नाराज हैं।
विधायक विक्रम मंडावी ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि गरीब आदिवासियों को उनकी पैतृक जमीन से बेदखल करना गलत है। उन्होंने मांग की कि ग्रामीणों की जमीन का सीमांकन कर उन्हें वापस दी जाए, और अगर वह काबिज भूमि है तो वन अधिकार पट्टा दिया जाए। उन्होंने बिट गार्ड को हटाने और किसानों को परेशान करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने कलेक्टर और डीएफओ से भी इस संबंध में लिखित शिकायत की है।
इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य नीना रावतिया उद्दे, जिलाध्यक्ष लालू राठौर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियाम, बसंत राव ताटी, सरपंच और सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।