क्या मालेगांव धमाके के असली साजिशकर्ता का पता चल पाएगा? संजय निरुपम का सवाल

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क्या मालेगांव धमाके के असली साजिशकर्ता का पता चल पाएगा? संजय निरुपम का सवाल

सारांश

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए पूछा है कि असली साजिशकर्ता कौन हैं। क्या यह लापरवाही का नतीजा है?

Key Takeaways

  • संजय निरुपम ने मालेगांव विस्फोट मामले में सवाल उठाए।
  • जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर संदेह।
  • असली साजिशकर्ताओं का पता लगाने की आवश्यकता।

मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर सभी आरोपी निर्दोष हैं, तो इन आतंकी हमलों के पीछे असली साजिशकर्ता कौन थे?

गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने संदेह जताया कि क्या जांच में जानबूझकर कमजोरी बरती गई या लापरवाही हुई, जिसके कारण असली अपराधी पकड़े नहीं गए।

निरुपम ने मांग की कि उस समय के एटीएस अधिकारियों की जांच होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि इतने बड़े हमलों के असली जिम्मेदार लोग क्यों नहीं पकड़े गए।

उन्होंने कांग्रेस सरकार पर 'भगवा आतंकवाद' का नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया, जिसके तहत मालेगांव मामले में कुछ लोगों को गलत तरीके से फंसाया गया।

संजय निरुपम ने 7/11 ट्रेन ब्लास्ट का भी जिक्र किया, जिसमें सभी आरोपियों को हाल ही में कोर्ट ने बरी कर दिया था। निरुपम ने दोनों मामलों में आरोपियों के बरी होने पर सवाल उठाया कि इतने बड़े आतंकी हमलों के असली साजिशकर्ता कौन थे और क्या जांच में जानबूझकर कमियां छोड़ी गईं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने पर शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का बार-बार जिक्र हो रहा है और एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप कह रहे हैं कि भारत के साथ बातचीत चल रही है और डील अभी फाइनल नहीं हुई है। अगर डील फाइनल नहीं हुई है, तो अचानक 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा का कोई मतलब नहीं बनता। स्वाभाविक रूप से, यह एक ऐसा सवाल है, जिसे भारत को अमेरिका के सामने उठाना चाहिए, जब हमारे अधिकारी बातचीत कर रहे हैं और व्यापार वार्ता चल रही है, तो ऐसी एकतरफा घोषणा कैसे की जा सकती है। यह भारत-अमेरिका रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।

शिवसेना नेता संजय निरुपम ने केंद्र सरकार के राष्ट्रीय हितों की रक्षा में सही कदम उठाने के रुख का स्वागत किया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 25 फीसदी टैरिफ लगाने पर कहा कि हर देश को अपने हितों की रक्षा का अधिकार है। भारत सरकार का यह संकल्प कि वह किसानों और छोटे उद्यमियों को सुरक्षित और उचित बाजार उपलब्ध कराएगी, सराहनीय है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि सभी आतंकी हमलों में असली जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जाए। संजय निरुपम के सवाल विचारणीय हैं और इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारी जांच एजेंसियों को और अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता की आवश्यकता है।
NationPress
01/08/2025

Frequently Asked Questions

संजय निरुपम ने किस मामले पर सवाल उठाए?
संजय निरुपम ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर सवाल उठाए।
क्या निरुपम ने जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया?
हाँ, उन्होंने जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली और विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
निरुपम ने किस बात की मांग की?
उन्होंने उस समय के एटीएस अधिकारियों की जांच की मांग की।