क्या लखनऊ की मेयर अधिकारियों पर गुस्सा होकर मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगी?

सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ की मेयर ने अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल उठाए।
- अधिकारी अपने दफ्तरों में मौजूद नहीं थे।
- पेंशन के लिए परेशान लोग नगर निगम आए थे।
- मुख्यमंत्री से शिकायत की चेतावनी दी है।
- अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार की आवश्यकता है।
लखनऊ, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में मंत्री और विधायक के बाद अब लखनऊ की मेयर सुषमा खरकवाल ने भी अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कई अधिकारी काम करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं और लापरवाही बरत रहे हैं। मेयर ने स्पष्ट किया है कि यदि अधिकारियों की यह नकारात्मक कार्यशैली नहीं सुधरी, तो वह मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगी।
गुरुवार को नगर निगम के औचक निरीक्षण के दौरान, सुषमा खरकवाल ने देखा कि कई अधिकारी अपने ऑफिस में उपस्थित नहीं थे। नगर निगम कार्यालय में पेंशन न मिलने से परेशान कई लोग आए थे, जो पिछले दो सालों से अपनी पेंशन का इंतजार कर रहे थे। मेयर ने बताया कि ये लोग बार-बार नगर निगम के चक्कर काट रहे थे, लेकिन कोई अधिकारी उनकी सहायता के लिए नहीं आया।
सुषमा खरकवाल ने इस संदर्भ में कहा, "पिछले कुछ दिनों से मुझे लगातार फोन आ रहे थे कि नगर निगम आने पर कोई भी अधिकारी अपनी कुर्सी पर नहीं मिलता और उनके काम अटके रहते हैं। यहां तक कि कई लोग, जो पिछले दो सालों से पेंशन के लिए दौड़ रहे थे, वे भी आज इस उम्मीद में आए थे कि शायद कोई अधिकारी उनका काम करेगा। लेकिन आज जब मैंने नगर निगम का दौरा किया, तो नगर आयुक्त के अलावा चार अन्य अधिकारियों को अपनी कुर्सी पर नहीं पाया। यहां तक कि उनके निजी सचिव भी कार्यालय में उपस्थित नहीं थे।"
इसके बाद मेयर ने नगर आयुक्त को एक विस्तृत पत्र भेजने की योजना बनाई है, जिसमें पूछा गया है कि आखिरकार ये अधिकारी कहां थे और उनके कार्यशैली के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि अधिकारियों का यही रवैया रहा, तो वह मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत करेंगी और प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगी।
फिलहाल, मेयर सुषमा खरकवाल ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में चुप नहीं बैठेंगी और मुख्यमंत्री से शिकायत करके समस्या का हल निकालने की कोशिश करेंगी।