क्या भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के करीब हैं? डोनाल्ड ट्रंप के दूत सर्जियो गोर का बयान

सारांश
Key Takeaways
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- क्वाड समूह की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- सर्जियो गोर का बयान समझौते के करीब पहुँचने का संकेत देता है।
- भारत की ब्रिक्स समूह में महत्वपूर्ण भूमिका है।
- चीन के साथ संबंधों की तुलना में भारत के साथ संबंध बेहतर हैं।
वाशिंगटन, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत में अमेरिकी राजदूत पद के लिए नामित सर्जियो गोर ने बताया कि अमेरिका ने अगले सप्ताह वाशिंगटन आने के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है और दोनों पक्ष समझौते के करीब पहुँच रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम भारतीयों के साथ वार्ता कर रहे हैं। वास्तव में, राष्ट्रपति ने उनके वाणिज्य और व्यापार मंत्रियों को अगले हफ्ते मिलने के लिए आमंत्रित किया है और वे वाशिंगटन में राजदूत ग्रीर से भी चर्चा करेंगे। इस मुलाकात में एक आशाजनक समझौता शामिल होगा। हम समझौते के करीब हैं और इसकी बारीकियों पर चर्चा कर रहे हैं।"
गोर ने क्वाड के प्रति वाशिंगटन की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, जिसमें चार लोकतंत्र - भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
गोर ने कहा कि यह समूह 'बहुत महत्वपूर्ण' है और संकेत दिया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस साल के अंत में भारत में होने वाले नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ सकते हैं।
गोर ने कहा, "राष्ट्रपति क्वाड की बैठकें जारी रखने और उसे मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। अगली क्वाड बैठक के लिए उनकी यात्रा पर पहले ही बातचीत हो चुकी है।"
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पदभार ग्रहण करने के एक घंटे के भीतर क्वाड के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की थी।
गोर ने भारत-चीन संबंधों के बारे में कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों में मौजूदा रुकावटों के बावजूद उनका मानना है कि वाशिंगटन के चीन के साथ संबंधों की तुलना में भारत के साथ संबंध कहीं बेहतर हैं। उन्होंने आशा जताई कि भारत हमारे पक्ष में आएगा।"
उन्होंने कहा, "पांच साल पहले वे खुले संघर्ष में थे। सच कहूं तो, वे चीनी विस्तारवाद से चिंतित हैं, जो केवल भारत की सीमा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र में है। हम कई समान चिंताओं को साझा करते हैं और इसे प्राथमिकता देंगे।"
गोर ने ब्रिक्स समूह में भारत की भूमिका की भी सराहना की।
उन्होंने कहा, "ब्रिक्स के भीतर विभिन्न मुद्दों पर भारत हमारे साथ रहा है, जिसमें ब्राजील और चीन भी शामिल हैं, जो वर्षों से अमेरिकी डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत इस संबंध में एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है।"