क्या एनएचआरसी ने 'ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म' पर प्रतिबंधित चाकू बेचने के मामले में त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- एनएचआरसी ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित चाकू बेचने का मामला उठाया।
- 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
- सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक गंभीर मामले पर ध्यान दिया है, जिसमें एक सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता ने अमेजनडॉटइन पर प्रतिबंधित चाकू बेचे जाने की शिकायत की थी। इस संदर्भ में आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को 10 दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट (एआरटी) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजनडॉटइन पर प्रतिबंधित चाकू बेचे जा रहे हैं, जो भारतीय कानूनों, विशेषकर आर्म्स एक्ट, 1959 के तहत अपराध है। सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि ये चाकू सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन सकते हैं और स्थानीय कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने एनएचआरसी से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की थी।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस शिकायत पर गंभीरता से विचार करते हुए धारा 12 के अंतर्गत नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। आयोग ने आरोपों को 'प्रारंभिक रूप से गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन' के रूप में देखा और मंत्रालय के सचिव को जांच करने का निर्देश दिया। आयोग ने यह भी कहा कि आर्म्स एक्ट, 1959 के उल्लंघन और सार्वजनिक सुरक्षा पर इसके प्रभाव की एक विस्तृत जांच आवश्यक है।
आयोग ने संबंधित मंत्रालय को यह निर्देश भी दिया है कि वे इस मामले में कार्रवाई की रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर आयोग को प्रस्तुत करें। इस मामले की जानकारी आंतरिक सुरक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार को भी दी गई है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि अमेजनडॉटइन पर बिक रहे ये चाकू न केवल सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बनते हैं, बल्कि ये स्थानीय कानूनों का भी उल्लंघन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे उत्पादों की बिक्री स्थानीय बाजारों में हिंसा और अपराध को बढ़ावा दे सकती है, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर विस्तृत जांच के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, आयोग ने यह सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है कि इस मामले में सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और शीघ्र पूरी हों।