क्या पटना में दारोगा भर्ती परीक्षा को लेकर छात्रों का प्रदर्शन दिखाता है सरकार की लापरवाही?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में दारोगा भर्ती परीक्षा की मांग बढ़ रही है।
- छात्रों का प्रदर्शन सरकार की लापरवाही का संकेत है।
- पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बल प्रयोग किया।
- सरकार को पारदर्शिता और समयबद्धता लाने की आवश्यकता है।
- आचार संहिता के पहले भर्ती नोटिफिकेशन की मांग।
पटना, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर सोमवार को सैकड़ों छात्र और छात्राएं दारोगा भर्ती परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे और जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इनकम टैक्स चौराहे की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को अंत में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
वास्तव में, आज प्रदेश के विभिन्न जिलों के छात्र पटना पहुंचे और दारोगा भर्ती परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार चुनाव आयोग की चुनाव की घोषणा के पहले दरोगाओं की नियुक्ति करे। उनका कहना था कि हमारी मांगों का उद्देश्य बिहार पुलिस और दारोगा भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक पारदर्शिता और समयबद्धता लाना है।
प्रदर्शनकारी पटना कॉलेज के पास एकत्रित हुए और फिर हाथ में तिरंगा लिए आगे बढ़ते रहे। इनकी योजना मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने की थी। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर इन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद ये सभी प्रदर्शनकारी डाक बंगला चौराहे पहुंच गए। यहां भी पुलिस पहले से तैयार थी।
सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का एक शिष्टमंडल भी सरकार के अधिकारियों के पास भेजा गया, लेकिन प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहे पर भी बैरिकेडिंग को गिराकर आगे बढ़ गए। जैसे ही प्रदर्शनकारी आगे बढ़े, पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा और लाठियां भांजनी पड़ीं। इसके बाद प्रदर्शनकारी पीछे हट गए।
प्रदर्शन कर रहे व्यक्तियों ने कहा कि पिछले दो वर्षों से वैकेंसी नहीं निकाली गई है, जिसके कारण वे अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले दो साल से वैकेंसी निकालने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। आने वाले दिनों में आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसके बाद भर्ती की संभावना भी खत्म हो जाएगी। ऐसे में सरकार को इससे पहले वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी करना चाहिए।