क्या आज के भारत के मानचित्र को बनाने में सरदार पटेल की भूमिका महत्वपूर्ण थी?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- सरदार पटेल ने भारत के आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उन्होंने 562 रियासतों को एकजुट करके आज के भारत का मानचित्र बनाया।
- सरदार पटेल को 41 साल की देरी से भारत रत्न मिला।
- महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार का उपनाम दिया।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी भूमिका को उजागर किया।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती के अवसर पर देशभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 'एकता दौड़' का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपस्थित सभी नेताओं और 'एकता दौड़' में भाग लेने वालों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने 'एकता दौड़' को झंडी दिखाकर रवाना किया।
अमित शाह ने कहा कि आज का दिन देशवासियों के लिए विशेष है। सरदार पटेल के सम्मान में हम 2014 से लगातार 'एकता दौड़' का आयोजन करते आ रहे हैं। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती होने के नाते यह आयोजन विशेष रूप से मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि आजादी के आंदोलन और आजादी के बाद भारत के मानचित्र के निर्माण में सरदार पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने बैरिस्टर की प्रैक्टिस छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान को स्वीकार किया और आजादी के आंदोलन में शामिल हुए। उनकी नेतृत्व क्षमता उस समय प्रकट हुई जब किसानों के अधिकारों के लिए 1928 में बारडोली सत्याग्रह हुआ। हर कोई मानता था कि अंग्रेज नहीं झुकेंगे, लेकिन सरदार पटेल के नेतृत्व में किसानों ने आंदोलन शुरू किया। देखते ही देखते यह आंदोलन देशभर के किसानों का आंदोलन बन गया और अंततः अंग्रेजों को किसानों की मांग माननी पड़ी।"
अमित शाह ने कहा कि उसी आंदोलन के संदर्भ में महात्मा गांधी ने वल्लभभाई पटेल को सरदार का उपनाम दिया। वल्लभभाई पटेल तभी से सरदार वल्लभभाई पटेल बन गए।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, "आजादी के बाद अंग्रेजों ने देश को 562 छोटी-बड़ी रियासतों में बांटने का कार्य किया। सब चिंतित थे कि 562 रियासतों में बंटा हुआ भारत कैसे अखंड बनेगा। लेकिन सरदार पटेल के कारण बहुत कम समय में सभी रियासतों को एकजुट कर आज का भारत का मानचित्र बना। इसी कार्य ने आज के भारत की नींव रखी।"
इस अवसर पर अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उचित सम्मान नहीं दिया। सरदार पटेल को 41 वर्षों की देरी से भारत रत्न से सम्मानित किया गया। देश में कहीं भी कोई स्मारक नहीं बनाया गया। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तभी उन्होंने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की परिकल्पना की और सरदार पटेल के सम्मान में एक भव्य स्मारक बनवाया।"
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाकर, प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर को भारत में एकीकृत करने के सरदार पटेल के संकल्प को पूरा किया।
इससे पहले, दिल्ली में सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाग लिया। सभी नेताओं ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            