क्या केरल सरकार छह लाख करोड़ के कर्ज में डूबी है? राजीव चंद्रशेखर का आरोप
 
                                सारांश
Key Takeaways
- केरल सरकार 6 लाख करोड़ के कर्ज में है।
- मुख्यमंत्री चुनाव से पहले नए वादे कर रहे हैं।
- राजीव चंद्रशेखर का आरोप है कि यह चुनावी ड्रामा है।
- पिछले वादे अब तक लागू नहीं हुए हैं।
- पीएम मोदी की नीतियों की तुलना की गई है।
तिरुवनंतपुरम, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार लगभग 6 लाख करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हुई है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री चुनाव से चार महीने पहले नए वादे और योजनाएं पेश कर रहे हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन अब जाकर जागे हैं। चुनाव से केवल चार महीने पहले! नौ साल से अधिक बिता चुके हैं, और अचानक उन्हें गरीबों की याद आई है। जिन योजनाओं का वादा 2021 के सीपीएम घोषणापत्र में किया गया था, वे अब तक लागू नहीं हुईं।"
उन्होंने आगे कहा कि वे जनता के हर सच्चे प्रयास का स्वागत करते हैं, लेकिन यह सब चुनावी ड्रामा है जो लोगों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है। राजीव चंद्रशेखर ने तंज करते हुए कहा, "सीएम ने वोट मांगते समय कहा था कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन अब आखिरी चार महीनों में ही उन्हें काम याद आ रहा है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की तुलना करते हुए कहा, "पीएम मोदी ने जो भी वादा किया, उसे पहले दिन से लेकर ग्यारहवें साल तक निभाया है। चाहे वह पीएम किसान योजना हो या आयुष्मान भारत योजना।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज केरल की अर्थव्यवस्था 'पॉन्जी स्कीम' की तरह चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पेंशन का पैसा स्वास्थ्य योजनाओं में खर्च किया जा रहा है, एससी कल्याण फंड भ्रष्ट बिचौलियों को दिया जा रहा है, और घर, पानी और स्कूलों के लिए रखा गया पैसा ब्याज चुकाने में जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 6 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड कर्ज के साथ राज्य के नए वादे पूरे करना असंभव है। और जब ये वादे पूरे नहीं होंगे, तब सीएम फिर वही पुराना बहाना बनाएंगे कि केंद्र सरकार ने पैसा नहीं दिया।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि एक विकसित केरल तभी बन सकता है जब राज्य में ईमानदारी, अच्छी नीतियां और बिना भ्रष्टाचार वाली सरकार हो। उन्होंने कहा, "ड्रामा, पीआर और भ्रष्टाचार से समृद्धि नहीं आती। यह केवल जनता को बेवकूफ बनाने का तरीका है।"
उन्होंने कहा कि अगर वे वास्तव में गरीबों की मदद करना चाहते हैं तो पहले प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना लागू करें, जिससे 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी मलयालियों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिल सके।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                            