क्या मल्लिकार्जुन खड़गे को आरएसएस और देश के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए?: संबित पात्रा

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क्या मल्लिकार्जुन खड़गे को आरएसएस और देश के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए?: संबित पात्रा

सारांश

संबित पात्रा ने मल्लिकार्जुन खड़गे के आरएसएस पर आरोपों का खंडन किया है, यह बताते हुए कि संघ ने समाज के प्रति अपनी सेवाएं कैसे दी हैं। क्या खड़गे को इतिहास का सही ज्ञान है? जानें इस महत्वपूर्ण वार्तालाप में।

Key Takeaways

  • आरएसएस ने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
  • महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर ने संघ की प्रशंसा की थी।
  • कांग्रेस अध्यक्ष का बयान विवाद का कारण बना।
  • संबित पात्रा ने खड़गे की निंदा की।
  • इतिहास की सही जानकारी आवश्यक है।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगाए थे।

भाजपा सांसद ने कहा कि आरएसएस ने अपने सौ साल पूरे कर लिए हैं। पूरा देश और दुनिया जानती है कि संघ ने इस सदी में क्या योगदान दिया है। चाहे कोविड-19 हो, भूकंप हो या बाढ़, लोगों तक पहुंचने वाले पहले स्वयंसेवक हमेशा संघ से ही होते हैं।

संबित पात्रा ने कहा कि असमानता के खिलाफ लड़ने वाले महात्मा गांधी और डॉ. बीआर अंबेडकर ने संघ की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की थी। यहां तक कि भारत-चीन युद्ध के बाद 1963 के स्वतंत्रता दिवस परेड में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आरएसएस स्वयंसेवकों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले में कपूर आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि संघ की इसमें कोई संलिप्तता नहीं थी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज जिस मामले को गलत तरीके से उठाया है, उसे न केवल कपूर आयोग ने जांचा, बल्कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय तक भी गया, जिसका फैसला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

संबित पात्रा ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे को आरएसएस और देश के इतिहास के बारे में अध्ययन करना चाहिए। आज उन्होंने जिस भाषा का उपयोग किया, वह पीएफआई, मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद जैसी ही है। ये संगठन आरएसएस का विरोध करते हैं क्योंकि वे उसकी एकता और समावेशिता को स्वीकार नहीं कर सकते। हम खड़गे के बयान की कड़ी निंदा करते हैं।

वास्तव में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि भाजपा के नेता हमेशा कहते हैं कि नेहरू और सरदार पटेल के बीच मतभेद थे, जबकि नेहरू ने खुद सरदार पटेल को 'भारत की एकता के शिल्पी' बताया था। वहीं पटेल साहब ने पंडित नेहरू को 'देश के आदर्श और जनता के नेता' कहा था।

Point of View

जबकि दूसरा पक्ष इतिहास की गलत व्याख्या कर रहा है। राष्ट्रीय हित के दृष्टिकोण से, यह आवश्यक है कि सभी पक्ष तथ्यों के आधार पर संवाद करें और राष्ट्रीय एकता को बनाए रखें।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस का योगदान क्या है?
आरएसएस ने समाज सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे आपदाओं के समय में सहायता प्रदान करना।
क्या मल्लिकार्जुन खड़गे की बातें सही हैं?
उनके बयान पर चर्चा की जा रही है, लेकिन इतिहास की सही व्याख्या आवश्यक है।
महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर का संघ के बारे में क्या कहना था?
उन्होंने संघ की समानता के दृष्टिकोण की सराहना की थी।