क्या हिमाचल प्रदेश में सशस्त्र सीमा बल का 62वां स्थापना दिवस मनाया गया?

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क्या हिमाचल प्रदेश में सशस्त्र सीमा बल का 62वां स्थापना दिवस मनाया गया?

सारांश

सशस्त्र सीमा बल ने हिमाचल प्रदेश में अपना 62वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ बल की महिला जवानों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कारों का वितरण भी शामिल था।

Key Takeaways

  • हिमाचल प्रदेश में सशस्त्र सीमा बल का स्थापना दिवस पहली बार मनाया गया।
  • महिला जवानों ने समारोह में शानदार प्रदर्शन किया।
  • 51 वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
  • समारोह में राष्ट्रपति पुलिस पदक और अन्य पुरस्कार प्रदान किए गए।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह को और भी आकर्षक बना दिया।

कांगड़ा, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अपना 62वां स्थापना दिवस देवभूमि हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय प्रशिक्षण केंद्र (सीटीसी), सपड़ी में उल्लास, अनुशासन और गरिमा के साथ मनाया। यह पहला अवसर था जब एसएसबी का स्थापना दिवस परेड हिमाचल प्रदेश में आयोजित हुआ।

समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्तन, हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, शहीदों के परिजन, सेवानिवृत्त अधिकारी, वरिष्ठ अधिकारी, जवान, उनके परिवारजन और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर एसएसबी के 51 वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने से हुई। महानिदेशक एसएसबी संजय सिंघल ने परेड का निरीक्षण किया और भव्य सलामी ली। जवानों ने बल के ध्येय वाक्य 'सेवा, सुरक्षा और बंधुत्व' के प्रति अटूट प्रतिबद्धता दोहराई। एसएसबी भारत-नेपाल की 1751 किमी और भारत-भूटान की 699 किमी खुली सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा, नक्सल विरोधी अभियानों और विशेष ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

परेड में विभिन्न सीमांत इकाइयों की 8 पैदल टुकड़ियों ने भाग लिया। अनुशासित मार्च-पास्ट ने बल की उच्च प्रशिक्षण क्षमता और पेशेवर दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया। ब्रास बैंड, पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड, और श्वान दस्ते का प्रदर्शन आकर्षण का केंद्र रहा। महिला प्लाटून की प्रभावशाली भागीदारी ने समारोह को विशेष गरिमा दी। महिला जवानों का हथियारों सहित आत्मविश्वासपूर्ण मार्च ने बल में महिलाओं की मजबूत भूमिका को उजागर किया।

संचार निदेशालय की ओर से पहली बार प्रस्तुत संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी झांकी में आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। प्रतिकूल मौसम के कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन महानिदेशक ने उनका संदेश पढ़ा, जिसमें बल के साहस और समर्पण की सराहना की गई।

महानिदेशक संजय सिंघल ने संबोधन में एसएसबी को बहुआयामी बल बताया और महिला सशक्तिकरण, खेल, पर्यावरण संरक्षण आदि में योगदान रेखांकित किया। समारोह में सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, बेस्ट बटालियन ट्रॉफी (50वीं वाहिनी उत्तरौला और 64वीं वाहिनी बरामा) और सर्वश्रेष्ठ बीओपी पुरस्कार प्रदान किए गए।

समापन में राइफल टैटू ड्रिल, मास पीटी, पारकोर और डेयर डेविल्स प्रदर्शनों ने उत्साह जगाया, और फ्यूजन डांस में हिमाचली नाटी, छोलिया, थारू, झीझीया, भूटिया, बीहू और लायन डांस प्रस्तुत किए गए। साथ ही वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष धुन बजाई गई। अंतरराष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों की उपस्थिति ने गरिमा बढ़ाई।

Point of View

यह समारोह न केवल सशस्त्र सीमा बल के साहस और समर्पण को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे बल देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमें गर्व है कि हमारे जवान हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

सशस्त्र सीमा बल का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
सशस्त्र सीमा बल का स्थापना दिवस हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है।
सशस्त्र सीमा बल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सशस्त्र सीमा बल का मुख्य उद्देश्य देश की सीमाओं की रक्षा करना और आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इस वर्ष स्थापना दिवस पर कौन-कौन उपस्थित थे?
इस वर्ष के समारोह में विधायक, पुलिस महानिदेशक, शहीदों के परिजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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