क्या मैग्नीशियम की कमी से बेचैनी, अनिद्रा और धड़कनें बढ़ती हैं? जानें प्राकृतिक स्रोत

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क्या मैग्नीशियम की कमी से बेचैनी, अनिद्रा और धड़कनें बढ़ती हैं? जानें प्राकृतिक स्रोत

सारांश

क्या आप जानते हैं कि मैग्नीशियम की कमी से बेचैनी, अनिद्रा, और धड़कनों में वृद्धि हो सकती है? इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे यह महत्वपूर्ण पोषक तत्व आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और इसके प्राकृतिक स्रोत क्या हैं।

Key Takeaways

  • मैग्नीशियम शरीर के लिए महत्वपूर्ण है।
  • यह कई जैविक प्रक्रियाओं में मदद करता है।
  • इसकी कमी से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • प्राकृतिक स्रोतों से इसे प्राप्त करना संभव है।
  • संतुलित आहार से मैग्नीशियम का स्तर बनाए रखा जा सकता है।

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। आज के इस तेज़ भागते समय में, तनाव और असंतुलित आहार के कारण हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। लापरवाही भी एक बड़ा कारण है। जिन पोषक तत्वों की हमें रोज़ाना आवश्यकता होती है, उनमें मैग्नीशियम का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है, जिसे 'मास्टर मिनरल' या 'नेचुरल कैल्मिंग मिनरल' के नाम से भी जाना जाता है।

मैग्नीशियम 300 से अधिक जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेद में इसे वात-पित्त को संतुलित करने वाला और पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला तत्व माना जाता है। जानकारी के अनुसार, दुनिया की एक बड़ी जनसंख्या इसके कमी से प्रभावित है।

शरीर को स्वस्थ रखने में मैग्नीशियम का योगदान अत्यधिक है। यह नसों और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है, सेरोटोनिन और गाबा जैसे रासायनिक तत्वों का समर्थन करता है। यह दिल की धड़कन को स्थिर बनाए रखता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है, मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है, ऊर्जा को बढ़ाता है और रक्त शुगर को संतुलित करता है।

यदि शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी होती है, तो यह संकेत देने लगता है। मैग्नीशियम की कमी के लक्षणों में लगातार थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, बेचैनी, चिंता, अनिद्रा, अनियमित धड़कन, उच्च रक्तचाप, माइग्रेन, कब्ज, और महिलाओं में मूड स्विंग्स और पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द शामिल हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि पुरुषों और महिलाओं को प्रति दिन कितने मैग्नीशियम की आवश्यकता है। पुरुषों के लिए 400 से 420 एमजी, महिलाओं के लिए 310 से 320 एमजी और गर्भवती महिलाओं के लिए 350 से 360 एमजी की आवश्यकता होती है।

मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोतों में कद्दू के बीज, बादाम, काजू, पालक, मूंगफली, काली बीन्स, डार्क चॉकलेट, केला, ओट्स और एवोकाडो शामिल हैं। इसके अवशोषण को बढ़ाने के लिए इसे विटामिन बी6 के साथ लें, रात में मैग्नीशियम युक्त भोजन का सेवन करें, और चाय-कॉफी की मात्रा कम करें।

साथ ही, खिचड़ी में घी और पालक के बीज डालकर खाएं। इन सरल उपायों से शरीर स्वस्थ और मन शांत रह सकता है। हालांकि, यदि लक्षण अधिक दिखें और आराम न मिले, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Point of View

NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण क्या हैं?
मैग्नीशियम की कमी के लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, बेचैनी, चिंता, अनिद्रा और उच्च रक्तचाप शामिल हैं।
कितना मैग्नीशियम दैनिक लेना चाहिए?
पुरुषों को 400-420 एमजी, महिलाओं को 310-320 एमजी और गर्भवती महिलाओं को 350-360 एमजी की आवश्यकता होती है।
मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोत क्या हैं?
मैग्नीशियम के प्राकृतिक स्रोतों में कद्दू के बीज, बादाम, काजू, पालक, मूंगफली, काली बीन्स, डार्क चॉकलेट, केला, ओट्स और एवोकाडो शामिल हैं।
क्या मैग्नीशियम का सेवन करना सुरक्षित है?
हां, यदि इसे उचित मात्रा में लिया जाए तो यह सुरक्षित है। हालांकि, अधिक मात्रा में लेने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मैग्नीशियम की कमी का उपचार कैसे किया जा सकता है?
मैग्नीशियम की कमी का उपचार प्राकृतिक स्रोतों से आहार में इसे शामिल करके और आवश्यकतानुसार सप्लीमेंट्स के माध्यम से किया जा सकता है।
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