क्या राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर खंडपीठ में धमकी भरे मेल से हड़कंप मचा?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान हाई कोर्ट में धमकी भरा ई-मेल आया।
- सुरक्षा कारणों से अदालत खाली करवाई गई।
- पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट मेल की जांच कर रही हैं।
- अधिकारियों ने लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की।
- सुरक्षा बलों ने चेकिंग बढ़ा दी है।
जयपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर खंडपीठ में शुक्रवार को एक धमकी भरे ई-मेल के आने से हड़कंप मच गया। रजिस्ट्रार-प्रशासन के ई-मेल पते पर भेजी गई सूचना में हाई कोर्ट के जजों और स्टाफ के नामों का उल्लेख था और मेल में हाई कोर्ट को निशाना बनाने की बात लिखी गई थी। प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से अदालत भवन को खाली करवाने का निर्णय लिया और सभी सुनवाईयां तत्काल रोक दीं।
मेल में कथित रूप से यह भी लिखा गया था कि हाई कोर्ट के जयपुर खंडपीठ को उड़ाने के अलावा कोई चारा नहीं है। सभी को जल्दी से खाली करना होगा। हम केवल संपत्ति का नुकसान करना चाहते हैं।
इन संदेशों के आंशिक उद्धरण मिलने के बाद कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए। फिलहाल पुलिस-प्रशासन धमकी की वैधता और स्रोत का पता लगाने में जुटा हुआ है।
रजिस्ट्रार कार्यालय को भेजे गए मेल में तमिलनाडु की कुछ घटनाओं और मीडिया से जुड़े गंभीर आरोपों का भी जिक्र किया गया था। मेल में पाकिस्तान कॉआर्डिनेशन, कुछ 'एक्स' हैंडल और मीडिया से संबंधित नामों का हवाला देते हुए गंभीर और आपराधिक प्रकृति के दावे किए गए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा मेल की शिनाख्त, भेजने वाले के आईपी-एड्रेस और संबंधित सोशल-मीडिया हैंडल्स की जांच की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियां यह भी देख रही हैं कि मेल में प्रयुक्त भाषा और संदर्भ किस स्तर की साजिश को इंगित करते हैं और क्या यह कोई वास्तविक खतरनाक योजना है या किसी तरह का भड़काऊ संदेश। कोर्ट परिसर में तैनात सुरक्षा बलों ने सभी एंट्री-प्वाइंट्स पर तलाशी और चेकिंग बढ़ा दी है।
जहां एक ओर अदालत भवन खाली करवा दिया गया है, वहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और आधिकारिक सूचनाओं का इंतजार करें। जांच जारी है और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त चौकसी बढ़ा दी गई है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                            