क्या तेजस्वी यादव अपने पिता के कार्यकाल की नौकरियों का जिक्र करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव और आनंद मोहन के बीच आरोप-प्रत्यारोप।
- बिहार में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि।
- नीतीश कुमार की स्थिति पर चर्चा।
- चुनाव नजदीक, राजनीतिक रणनीतियों का प्रभाव।
मोतीहारी, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें उन सरकारी नौकरियों का विवरण देना चाहिए जो उनके पिता लालू यादव के शासन में दी गई थीं।
मीडिया से बात करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि तेजस्वी यादव अपने पिता के कार्यकाल का जिक्र नहीं करते हैं, जब यह पूछा जाता है कि उस दौरान कितने लोगों को सरकारी नौकरी मिली थी। तेजस्वी केवल उस समय का उल्लेख करते हैं जब वह नीतीश कुमार के साथ उप मुख्यमंत्री थे। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे और उनकी वजह से ही लोगों को नौकरी मिली। तेजस्वी सिर्फ एक मैनेजर थे, असली मालिक नीतीश कुमार ही थे। अगर नीतीश कुमार राजद की तरफ जाते हैं, तो तेजस्वी यादव उनके बारे में सकारात्मक बातें करने लगते हैं, लेकिन जब वे साथ नहीं होते हैं, तो उन्हें रिटायर और थका हुआ बताते हैं। यह सही नहीं है।
विपक्ष नीतीश कुमार को बीमार बता रहा है। इस पर पूर्व सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी जिम्मेदारियों को कुशलता से निभा रहे हैं। मैंने सुना है कि 'भूरा बाल साफ करो' वाला नारा फिर से गूंज रहा है। एक तरफ राजद नेता कहते हैं कि राजद सभी की पार्टी है, और दूसरी तरफ वही पुराना नारा चल रहा है। इन लोगों की बातें और कार्यों में बड़ा अंतर है।
बिहार में हाल ही में बढ़ी आपराधिक घटनाओं पर आनंद मोहन ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं, इसी कारण घटनाएं बढ़ रही हैं। यह प्रशासन के लिए एक चुनौती है।
बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। राज्य में आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। पिछले 11 दिनों में कम से कम 31 लोगों की हत्या हुई है। राजधानी पटना में भी आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। इसे लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर आरोप लगा रहा है।