क्या 20 राज्यों को आपदा जोखिम कम करने के लिए 507.37 करोड़ रुपए मिल रहे हैं?

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क्या 20 राज्यों को आपदा जोखिम कम करने के लिए 507.37 करोड़ रुपए मिल रहे हैं?

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय समिति ने 20 राज्यों के लिए 507.37 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। यह राशि पंचायती राज संस्थानों में समुदाय-आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण को सशक्त बनाने के लिए है। जानिए इस पहल का महत्व और इससे क्या बदलाव आएंगे।

Key Takeaways

  • 20 राज्यों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए 507.37 करोड़ रुपए का आवंटन।
  • पंचायती राज मंत्रालय और एनडीएमए का सहयोग।
  • 'नीचे से ऊपर' दृष्टिकोण के तहत डीआरआर प्रथाओं का एकीकरण।
  • 81 आपदा-संभावित जिलों का कवर।
  • स्थानीय स्तर पर डीआरआर मॉडल विकसित करना।

नई दिल्ली, १६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बनी उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) ने पंचायती राज संस्थानों में समुदाय-आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डिजास्टर रिस्क रिडक्शन) पहल को मजबूत करने के लिए 20 राज्यों के लिए 507.37 करोड़ रुपए का आवंटन स्वीकृत किया है।

मोदी सरकार ने 2021 में राष्ट्रीय आपदा शमन निधि की स्थापना की थी ताकि समाज को किसी भी आपदा का सामना करने के लिए सशक्त बनाया जा सके, और अब इस पहल को पंचायत स्तर तक विस्तारित किया गया है। मोदी सरकार का लक्ष्य राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों को आपदाओं का सामना आत्मविश्वास के साथ करने के लिए सशक्त बनाना है।

यह पहल पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा-प्रतिरोधी भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए गृह मंत्रालय सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।

इस परियोजना का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिए 'नीचे से ऊपर' दृष्टिकोण के साथ आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) प्रथाओं को शासन संरचना में एकीकृत करना है। यह कार्यक्रम 20 राज्यों के 81 आपदा-संभावित जिलों को कवर करेगा और प्रमुख खतरों पर केन्द्रित 20 ग्राम पंचायतों को स्थानीय डीआरआर के लिए अन्य स्थानों पर लागू करने योग्य मॉडल के रूप में विकसित करेगा।

507.37 करोड़ रुपए के कुल स्वीकृत परियोजना व्यय में से 273.38 करोड़ रुपए राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (एनडीएमएफ) के तहत केन्द्रीय हिस्सा होगा, जबकि राज्यों द्वारा 30.37 करोड़ रुपए का समानुपातिक योगदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 151.47 करोड़ रुपए पंचायती राज मंत्रालय से प्राप्त होंगे और राज्यों द्वारा 52.15 करोड़ रुपए का योगदान दिया जाएगा।

इस परियोजना में शामिल गतिविधियों में पंचायती राज संस्थाओं द्वारा डीआरआर विकास योजना में संस्थागत सुदृढ़ीकरण, नीतिगत एकीकरण, सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एलडीएमए), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) तथा पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों के लिए क्षमता निर्माण एवं जागरूकता सृजन शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, केन्द्र सरकार ने राज्य आपदा शमन निधि (एसडीएमएफ) से 21 राज्यों को 5,273.60 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (एनडीएमएफ) से 14 राज्यों को 1,423.06 करोड़ रुपए जारी किए हैं।

Point of View

जो कि वर्तमान समय की आवश्यकता है। यह कदम न केवल राज्यों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

आपदा जोखिम न्यूनीकरण का क्या महत्व है?
आपदा जोखिम न्यूनीकरण से समाज को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है, जिससे जनहानि और क्षति को कम किया जा सके।
केंद्र सरकार ने कितने राज्यों को सहायता दी है?
केंद्र सरकार ने 20 राज्यों को 507.37 करोड़ रुपए की सहायता दी है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन को सशक्त बनाना और स्थानीय स्तर पर डीआरआर प्रथाओं को लागू करना है।
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