क्या सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने भारतीय नौसेना में एक नया इतिहास रच दिया?

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क्या <b>सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया</b> ने भारतीय नौसेना में एक नया इतिहास रच दिया?

सारांश

भारतीय नौसेना की सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने नेवल एविएशन की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उपलब्धि न केवल नौसेना के इतिहास में मील का पत्थर है, बल्कि यह महिलाओं के लिए लड़ाकू विमानन के क्षेत्र में प्रेरणादायक मिसाल भी है।

Key Takeaways

  • आस्था पूनिया
  • वह फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला हैं।
  • यह उपलब्धि लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देती है।
  • महिलाओं के लिए लड़ाकू विमानन में नए अवसर।
  • भारतीय नौसेना की नारी शक्ति को प्रोत्साहित करने वाली मिसाल।

नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना की सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वह नेवल एविएशन की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। इसका मतलब है कि वह अब नौसेना के फाइटर प्लेन उड़ाने वाली पहली महिला हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि न केवल नौसेना के इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह महिलाओं के लिए लड़ाकू विमानन क्षेत्र का द्वार खोलने वाली प्रेरणादायक मिसाल भी प्रस्तुत करती है।

वास्तव में भारतीय नौसेना ने आईएनएस डेगा, विशाखापत्तनम में द्वितीय बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स के स्नातक समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट अतुल कुमार धुल और सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान रियर एडमिरल जनक बेवली, एसीएनएस (एयर) द्वारा प्रदान किया गया। इसी ऐतिहासिक अवसर पर सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने यह एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। नौसेना के अनुसार, वह अब नेवल एविएशन की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं।

भारतीय नौसेना का कहना है कि वे पहले से ही महिला अधिकारियों को पायलट बनने का अवसर दे चुके हैं। महिलाओं को एमआर विमानों और हेलीकॉप्टरों में पायलट और नौसेना वायु संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जा चुका है। अब फाइटर स्ट्रीम में एसएलटी आस्था पूनिया की नियुक्ति नौसेना विमानन में लैंगिक समावेशन के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम नारी शक्ति को बढ़ावा देने के संकल्प को सशक्त बनाता है।

विशेष रूप से समुद्री जहाजों और युद्धपोतों के जरिए नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा करती है। इसके साथ ही नौसेना में फायटर पायलट भी होते हैं। ये अधिकारी नौसेना के लड़ाकू विमान उड़ाते हैं। इनकी जिम्मेदारी समुद्र सीमा पर निगरानी रखना एवं दुश्मन को दूर रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करना होती है। कई महत्वपूर्ण मौकों पर नौसेना के ये पायलट दुश्मन के ठिकानों और समुद्री बेड़े की जानकारी जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सब-लेफ्टिनेंट आस्था नौसेना विमानन की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं। इसके साथ ही सब-लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया सभी बाधाओं को पार करते हुए नौसेना में महिला फाइटर पायलटों के एक नए युग का मार्ग प्रशस्त किया है।

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना की महिला पायलट पहले से ही टोही विमान और हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में कार्यरत हैं। लेकिन आस्था पूनिया पहली महिला हैं जो नौसेना में लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। हालाँकि नौसेना की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि फिलहाल उन्हें कौन से फाइटर जेट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारतीय नौसेना के पास कई प्रकार के फाइटर जेट हैं। नौसेना के ये फाइटर एयरक्राफ्ट आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से उड़ान भरने में सक्षम हैं।

Point of View

बल्कि सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया ने कौन से जेट उड़ाने की जिम्मेदारी ली है?
अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उन्हें कौन से फाइटर जेट की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कौन से कार्यक्रम में आस्था पूनिया को 'विंग्स ऑफ गोल्ड' से सम्मानित किया गया?
आस्था पूनिया को 'विंग्स ऑफ गोल्ड' सम्मान आईएनएस डेगा में आयोजित द्वितीय बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स के स्नातक समारोह में दिया गया।
भारतीय नौसेना में महिलाओं की भूमिका क्या है?
भारतीय नौसेना ने पहले से ही महिलाओं को पायलट और वायु संचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है।
आस्था पूनिया की इस उपलब्धि का क्या महत्व है?
यह उपलब्धि महिलाओं के लिए लड़ाकू विमानन क्षेत्र का द्वार खोलती है और लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देती है।
क्या आस्था पूनिया पहली महिला फाइटर पायलट हैं?
हाँ, वह भारतीय नौसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी हैं।