क्या आयकर बिल, 2025 करदाताओं के लिए फायदेमंद है? : बैजयंत पांडा

सारांश
Key Takeaways
- आयकर अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन
- संक्षिप्त और समझने में आसान भाषा
- छोटे व्यापारियों के लिए लाभकारी
- टीम वर्क के माध्यम से प्रभावी निष्कर्ष
नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में आयकर बिल, 2025 पर सेलेक्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की। कमेटी के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने इसे सदन में प्रस्तुत किया। मंगलवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने इस बिल को टैक्सपेयर के लिए अत्यधिक फायदेमंद बताया।
भाजपा सांसद एवं फाइनेंस सेलेक्ट कमेटी के चेयरमैन बैजयंत पांडा ने कहा, "आयकर अधिनियम में संशोधन के संदर्भ में सेलेक्ट कमेटी पिछले कई महीनों से काम कर रही थी। पीएम मोदी के नेतृत्व में कई कानूनों को आधुनिक और सरल बनाया गया है। इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले वर्ष घोषणा की थी कि आयकर अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। वर्तमान का आयकर अधिनियम बहुत जटिल है, जिसे सरल करने का कार्य कुछ महीनों पहले संसद में किया गया। हमने इसके लिए 36 बैठकें कीं और 334 सुझाव प्रस्तुत किए हैं। बिल पास होने के बाद जो नया आयकर अधिनियम बनेगा, वो आम आदमी के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा।"
उन्होंने आगे बताया, "पुराने अधिनियम में पांच लाख से ज्यादा शब्द थे, जो अब लगभग 50 प्रतिशत कम हो गए हैं और यह लोगों के लिए समझने में आसान है। इस बिल के माध्यम से हम नीतियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं लाए हैं, क्योंकि वह अलग फोरम में होता है। इसमें एक्ट को सरल बनाने का प्रयास किया गया है ताकि नई नीतियों को आसानी से लागू किया जा सके। हमने कई व्यक्तियों और संस्थाओं से सुझाव लिए, जिनमें छोटे व्यापारी और एमएसएमई सेक्टर के लोग भी शामिल थे।"
समिति के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, "सभी ने टीम वर्क की तरह काम किया। करदाताओं के लिए यह कानून कैसे सरल बने, इस पर सभी का ध्यान केंद्रित था। सभी ने कड़ी मेहनत की। लगभग चार महीने तक कमेटी ने अपना कार्य किया और समय बढ़ाने की मांग नहीं की, क्योंकि बहुत कम कमेटियां समय पर अपनी रिपोर्ट दे पाती हैं। समय पर रिपोर्ट पेश करने का यह लाभ है कि यदि बिल मौजूदा मानसून सत्र में पास हो जाता है, तो अगले वित्त वर्ष तक इस कानून को लागू किया जा सकेगा।"