क्या आजादी के 100 साल में कुल आबादी का 50 प्रतिशत हिस्सा शहरों में होगा: मनोहर लाल खट्टर?
सारांश
Key Takeaways
- 2047 तक शहरी जनसंख्या का 50 प्रतिशत हो जाएगा।
- विकास योजनाओं की आवश्यकता है।
- केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय का महत्व।
- शहरी विकास के लिए बजट का सही उपयोग।
- प्रधानमंत्री आवास योजना पर चिंता व्यक्त की गई।
भोपाल, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने शहरों के सुनियोजित विकास पर जोर देते हुए कहा है कि वर्ष 2047 में शहरों की आबादी कुल आबादी का 50 प्रतिशत हो जाएगी, इसलिए आजादी के सौ वर्ष के मद्देनजर विकास योजनाएं तैयार करें।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक (उत्तरी एवं मध्य राज्य) को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली बजट राशि का पूरा उपयोग समय पर किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत की जो कल्पना की है, उसे तभी पूरा किया जा सकेगा, जब केंद्र और राज्य सरकार पूरा समन्वय के साथ कार्य करेंगी।
केन्द्रीय शहरी मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत की शहरी आबादी अनुमान के मुताबिक कुल आबादी का 50 प्रतिशत तक हो जाएगी। जब हम इसे ध्यान में रखते हुए शहरी योजनाओं का क्रियान्वयन करेंगे, तभी विकसित और आत्मनिर्भर भारत बना सकेंगे।
उन्होंने कहा कि शहरी कार्य मंत्रालय ने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए देश में क्षेत्रवार राज्यों की बैठक करने का निर्णय लिया है। हर राज्य की भौगोलिक स्थिति और परेशानियां अलग हैं। राज्यों के विकास के लिए केंद्र सरकार सपोर्टिंग सिस्टम के रूप में काम करती है; ठोस प्रयास तो राज्य सरकारों को ही करना होगा।
केंद्रीय शहरी मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि क्षेत्रीय बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन और शहरी परिवहन व्यवस्था पर मुख्य रूप से चर्चा की जा रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में तैयार मकानों के आवंटन न होने पर चिंता प्रकट की। राज्य सरकारों को यह प्रयास करना होगा कि जनता की वित्तीय हिस्सेदारी प्रभावी रूप से की जाए।
मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में नगरीय निकायों को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे बसे शहरों में सीवरेज कार्य को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी न मिलाया जाए। बैठक में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के शहरी विकास मंत्री और राज्य मंत्री शामिल हुए।