क्या अब्दुल बारी सिद्दीकी ने यूएन बिस्वास के आरोपों को खारिज किया? लालू यादव को फंसाया गया था!
सारांश
Key Takeaways
- लालू प्रसाद यादव को जानबूझकर फंसाने का आरोप।
- सीबीआई के पूर्व अधिकारी के खुलासे से राजनीतिक बयानबाज़ी।
- नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप।
- जनता की समस्याओं को अनदेखा करना।
- स्वास्थ्य कारणों से जमानत की प्रक्रिया की आलोचना।
पटना, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चारा घोटाला मामले की जांच करने वाले पूर्व सीबीआई अधिकारी उपेंद्र नाथ बिस्वास के खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजी में उग्रता आ गई है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव को जानबूझकर इस मामले में फंसाया गया था।
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यदि सीबीआई के पूर्व अधिकारी यह कहते हैं कि लालू प्रसाद यादव को बचाने की कोशिश की गई, तो हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उन्हें जानबूझकर फंसाया गया था।"
उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राज्य में सरकार बदलती है, तो भविष्य में कई घोटाले सामने आएंगे। आज आम जनता परेशान है और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।
उनका कहना था कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। आम जनता को अपना काम कराने के लिए हर टेबल पर पैसे देने पड़ते हैं। तभी उनकी सुनवाई होती है। इस सरकार ने ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।
चारा घोटाला मामले में उपेंद्र नाथ बिस्वास ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कई बड़े खुलासे किए।
उन्होंने सिस्टम में उन खामियों की आलोचना की, जिसके कारण जेल में बंद एक दोषी को स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिलने के बाद खुलेआम घूमने की अनुमति मिली।
बिस्वास ने कहा कि हमारी व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। कानून के अनुसार, लालू अभी भी जेल में हैं और उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जमानत मिली है। डॉक्टर्स ने उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें जेल में नहीं रखा जाना चाहिए। वे बीमार हैं और दैनिक उपचार की जरूरत है।
बिस्वास ने लालू के खुली घूमने की स्थिति पर अपनी बेबसी जताई, जिससे चारा घोटाला के आधा दर्जन से अधिक मामलों में उन्हें दोषी ठहराने की सीबीआई टीम की मेहनत पर पानी फिर गया।
उन्होंने कहा कि हमारे कानून के अनुसार, यदि आप बीमार हैं और आपको बीमारी के लिए जमानत मिलती है, तो आप आजाद हैं। व्यावहारिक रूप से, लालू आजाद हैं, लेकिन तकनीकी रूप से वे अभी जेल में हैं और सजा काट रहे हैं।