क्या अबू आजमी की टिप्पणी से वंदे मातरम का सम्मान प्रभावित होगा?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर विवादित बयान।
- आशीष शेलार का कड़ा जवाब।
- भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन।
- अबू आजमी की आस्था के मुद्दे पर चर्चा।
- संविधान का अधिकार पर जोर।
मुंबई, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूरा देश राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ मनाने में व्यस्त है। इसी दौरान, समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र शाखा के प्रमुख अबू आजमी ने 'वंदे मातरम' को लेकर अपनी टिप्पणी से विवाद उत्पन्न कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने अबू आजमी के बयान की कड़ी निंदा की है।
समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आजमी के बयान पर मंत्री आशीष शेलार ने कहा, "राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम सभी भारतीयों के लिए, चाहे वे देश में हों या विदेश में, प्रेरणादायक है। इस राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे होने पर देश में उत्साह और देशभक्ति का माहौल है।"
उन्होंने आगे कहा, "जब कुछ लोग इस समय राष्ट्रीय गीत गाने से मुँह मोड़ते हैं या इस कार्यक्रम का विरोध करते हैं, तो मैं कहना चाहूंगा कि ऐसे व्यक्तियों को भारत और भारतीय लोग माफ नहीं करेंगे।"
इससे पहले, भाजपा कार्यकर्ताओं ने अबू आजमी के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। सपा नेता की टिप्पणी का विरोध करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने वहां 'वंदे मातरम' गीत का गायन भी किया।
भाजपा नेता राज के. पुरोहित ने कहा, "वंदे मातरम, मातृभूमि को हमारा सलाम है। फिर उन्हें इससे क्या दिक्कत है? विधानसभा में जब 'वंदे मातरम' का पाठ होता है, तो वह चुप रहते हैं। वह चुप क्यों रहते हैं? वह इसका विरोध क्यों करते हैं? वह भारत की आत्मा का अपमान क्यों कर रहे हैं? इसीलिए भारतीय जनता पार्टी ने सैद्धांतिक रूप से ऐसे लोगों के सामने 'वंदे मातरम' का पाठ करने का निर्णय लिया है।"
इससे पहले, महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' गाने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने बयान में कहा, "मुझसे कोई वंदे मातरम नहीं बुलवा सकता है।"
विवाद के बाद अबू आजमी ने 'एक्स' पर वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा, "हम बार-बार कह चुके हैं कि 'वंदे मातरम' का हमें कोई विरोध नहीं है। जो इसे गाना चाहता है, वह पूरी आजादी से गा सकता है। लेकिन 'वंदे मातरम' में कुछ शब्द हमारी आस्था के खिलाफ हैं, इसलिए हम इसे नहीं गा सकते और ऐसा न गाने का अधिकार हमें हमारे देश के संविधान ने दिया है।"