क्या अदरक के तेल से पैरों की मालिश करने के फायदे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- अदरक का तेल आंखों की रोशनी को सुधारता है।
- पैरों की मालिश से तनाव और थकान कम होती है।
- यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करते हैं।
- रात को सोने से पहले करना चाहिए।
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में अधिकांश कार्य कंप्यूटर या मोबाइल के माध्यम से किए जाते हैं। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में घंटों स्क्रीन पर काम करने के कारण आंखों में तनाव, थकान और कमजोरी आम समस्याएं बन गई हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कुछ सरल आदतें अपनाकर आंखों की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। इनमें से एक सरल और प्रभावी उपाय है पैरों की मालिश, जिसे पादाभ्यंग कहा जाता है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अदरक के तेल से नियमित रूप से पैरों की मालिश करने से आंखों की रोशनी साफ रहती है और कई बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।
आयुर्वेद में बताया गया है कि पैरों में कई महत्वपूर्ण मार्म और नाड़ियां होती हैं, जो सीधे आंखों से जुड़ी होती हैं। पैरों में चार प्रमुख नाड़ियां आंखों से संबंधित मानी गई हैं। इन पर तेल से मालिश करने से आंखों का तनाव कम होता है, रोशनी मजबूत रहती है और ड्राई आई जैसी समस्याओं से बचाव होता है।
अदरक का तेल गर्म प्रकृति का होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और वात दोष को संतुलित करता है। इससे आंखों तक पोषण पहुंचता है और थकान कम होती है। पादाभ्यंग आयुर्वेद की दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। रात को सोने से पहले अदरक के तेल से पैरों की हल्की मालिश करने से न केवल आंखें स्वस्थ रहती हैं, बल्कि अच्छी नींद आती है, तनाव कम होता है और पैरों की सूजन व दर्द भी दूर होता है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन कम करते हैं और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाते हैं।
अदरक आंखों की थकान और आसपास के तनाव को कम करने में मदद करता है। यह तरीका अपनाना बहुत सरल है। अदरक का शुद्ध तेल लें या तिल के तेल में अदरक मिलाकर इसे हल्का गुनगुना करें और पैरों के तलवों, एड़ियों व उंगलियों पर 10 से 15 मिनट तक मालिश करें। मालिश के बाद गर्म पानी से पैर धो सकते हैं या मोजे पहनकर सो जाएं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आंखों की बीमारियों से बचाव के लिए पादाभ्यंग को रोजाना अपनाना चाहिए। यह न केवल आंखों के लिए वरदान है, बल्कि पूरे शरीर को तरोताजा भी रखता है। पैरों की नियमित मालिश करने से कुछ ही हफ्तों में अंतर महसूस होता है। हालांकि, यदि कोई गंभीर समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।