क्या अफगान विदेश मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को आश्वस्त किया?

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क्या अफगान विदेश मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को आश्वस्त किया?

सारांश

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने भारतीय उद्योग जगत को आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए आश्वासन दिया है। बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की गई। जानें, क्या है इस बैठक का महत्व और भारतीय कंपनियों का अफगानिस्तान में भविष्य।

Key Takeaways

  • अफगानिस्तान में शांति और सौहार्द का वातावरण है।
  • द्विपक्षीय व्यापार १ अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।
  • भारतीय कंपनियाँ अफगानिस्तान में अपनी परियोजनाएँ फिर से शुरू कर रही हैं।
  • वीजा समस्या व्यापार में रुकावट डाल रही है।
  • अफगानिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, १३ अक्टूबर (राष्ट्रीय प्रेस)। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने सोमवार को अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और उनके साथ आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया।

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि अफगानिस्तान में आवश्यक शांति और सौहार्द स्थापित हो चुका है और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के लिए अनुकूल स्थितियाँ बन गई हैं। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार पहले ही १ अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।

जहाँ कई भारतीय कंपनियाँ विभिन्न परियोजनाओं में अपने कार्यों को फिर से शुरू कर चुकी हैं, वहीं अफगानिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

विदेश मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचे, रसद, विमानन, कृषि और बैंकिंग क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने इन उद्देश्यों के लिए फिक्की और अफगान चैंबर की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।

कई भारतीय कंपनियों जैसे कि केईसी और मैक्स अस्पताल ने अपने कार्यों को फिर से शुरू कर दिया है। इसी क्रम में एमिटी विश्वविद्यालय भी कई अफगान छात्रों का समर्थन कर रहा है और एक सहयोगात्मक परिसर बनाने की इच्छा व्यक्त की है।

भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों ने बताया कि वीजा एक गंभीर समस्या बनी हुई है और व्यापारियों की सुगम आवाजाही के लिए इसे तुरंत हल करने की आवश्यकता है। अफगानिस्तान में भारतीय कंपनियों द्वारा परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दोनों देशों के बीच माल की आवाजाही सहित रसद व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना आवश्यक है।

भारतीय उद्योग अफगानिस्तान के साथ हर संभव तरीके से जुड़ने के लिए उत्सुक है, और अफगान मंत्री ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अनुकूल स्थितियाँ बनाने और बनाए रखने का आश्वासन दिया।

Point of View

अफगानिस्तान के साथ भारत के आर्थिक संबंधों का बढ़ना देश की आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल व्यापारिक अवसरों को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग को भी मजबूत करेगा।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के उद्योग जगत को क्या आश्वासन दिया?
उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में शांति और सौहार्द स्थापित हो चुका है और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए अनुकूल स्थितियाँ बनी हैं।
द्विपक्षीय व्यापार का वर्तमान स्तर क्या है?
द्विपक्षीय व्यापार पहले ही १ अरब डॉलर तक पहुँच चुका है।
अफगानिस्तान में भारतीय कंपनियों की स्थिति क्या है?
कई भारतीय कंपनियाँ जैसे कि केईसी और मैक्स अस्पताल ने अपने कार्यों को फिर से शुरू कर दिया है।
वीजा समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है?
व्यापारियों की सुगम आवाजाही के लिए वीजा समस्या का तुरंत समाधान आवश्यक है।
अफगानिस्तान और भारत के बीच सहयोग के क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, रसद, विमानन, कृषि और बैंकिंग मुख्य क्षेत्र हैं।