क्या दुश्मन की कोई हरकत पर कड़ा जवाब दिया जाएगा? ले. जनरल कटियार का बयान

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना का साहस अपरिवर्तित है।
- ऑपरेशन सिंदूर-2 की तैयारी चल रही है।
- सुरक्षा बलों की तकनीकी क्षमताएं बढ़ रही हैं।
- पाकिस्तान की हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
- राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज के. कटियार, जीओसी-इन-सी, पश्चिमी कमान, ने स्पष्ट किया है कि यदि दुश्मन (पाकिस्तान) ने फिर से कोई हरकत करने का प्रयास किया, तो उसे कड़ा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर-2' और भी निर्णायक और घातक होने वाला है।
मंगलवार को इस विषय पर चर्चा करते हुए जनरल कटियार ने कहा कि इस बार भारत का उत्तर और भी मजबूत होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी प्रतिक्रिया राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से होगी। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की प्रशंसा करते हुए बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को एक सशक्त जवाब दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने कहा कि युद्ध से संबंधित तकनीकें बदल चुकी हैं, लेकिन भारतीय सेना का साहस और तैयारियां अपरिवर्तित हैं। उन्होंने कहा कि हाल के समय में पाकिस्तान ने ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया, लेकिन हमारी युद्ध तैयारी और एयर डिफेंस ने हर प्रयास को विफल कर दिया।
उन्होंने कहा, '65 से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' तक, तकनीक बदली है, लेकिन सेना का हौसला वही है।' उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने हाल में जम्मू एयरपोर्ट और पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाने के प्रयास किए, लेकिन हमारे एंटी-एयर गन्स और अन्य सुरक्षा प्रबंधों ने उन हमलों को रोका। उनका कहना था कि सभी हमलों को समय पर नाकाम कर दिया गया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
गौरतलब है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी सेना ने सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया था। लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने आक्रामक रुख अपनाते हुए दावा किया कि भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तानी एयरबेसों को नष्ट किया है। यदि दुश्मन ने फिर से ऐसी हिमाकत की, तो जवाबी कार्रवाई बेहद मजबूत होगी।
जनरल कटियार ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर-2' और भी निर्णायक और घातक होगा। उनके अनुसार, वर्तमान समय में तकनीकी क्षमताओं, विशेषकर ड्रोन और निरंतर निगरानी ने रणनीति को बदल दिया है, इसलिए सुरक्षा बलों ने अपनी तैनाती और सामरिक तैयारियों में सुधार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमापार से आने वाले खतरों का मुकाबला करने के लिए आधुनिक हथियार, चेतावनी प्रणालियां और रैपिड रिस्पॉन्स तंत्र अनिवार्य हैं।
जनरल कटियार के शब्दों ने संकेत दिया कि भारतीय सेना न केवल रक्षा करने के लिए सक्षम है, बल्कि निर्धारित लक्ष्यों पर प्रहार करने की क्षमता भी रखती है। हालाँकि, किसी भी कार्रवाई का उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नागरिक जीवन की रक्षा करना होगा।
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के कड़े बयानों का लक्ष्य प्रतिकूल धारणा को तोड़ना और संभावित साजिशों को विफल करना होता है। हालाँकि, क्षेत्र में वास्तविक परिस्थितियों, तटस्थ स्रोतों और दोनों पक्षों के आधिकारिक बयानों पर ही स्थिति का सही आकलन संभव होगा। पिछले कुछ दिनों में सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन छापे और सीमापार गतिविधियों की जानकारी मिलती रही है, जिससे सुरक्षा बल सतर्क हैं।
ले. जनरल कटियार के निर्णायक स्वर ने स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा रणनीति अब तकनीकी-समर्थित, त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की ओर अग्रसर है। जम्मू क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल और वायु रक्षा इकाइयां अलर्ट मोड पर हैं, और किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।