क्या दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई?

सारांश
Key Takeaways
- दुर्गापुर में सामूहिक बलात्कार की घटना ने सुरक्षा पर सवाल उठाए।
- कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई।
- पुलिस को कॉलेज परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
- भाजपा के सांसद ने पीड़िता के परिजनों से मिलने की योजना बनाई।
- इस मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
कोलकाता, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर स्थित निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक पिछले सप्ताह द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद लगाई गई है।
न्यायमूर्ति शम्पा दत्त (पॉल) की एकल पीठ ने राज्य पुलिस को निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने और सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया।
निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर कॉलेज परिसर के सामने लोगों की भीड़ को हटाने की मांग की, क्योंकि वहां परीक्षाएं चल रही हैं।
यह मामला मंगलवार को न्यायमूर्ति दत्त (पॉल) की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। मामले की विस्तृत सुनवाई के बाद अदालत ने निजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। साथ ही, पुलिस को संस्थान की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
सामूहिक बलात्कार की घटना 10 अक्टूबर को हुई थी जब ओडिशा की रहने वाली पीड़िता रात 8 बजे के बाद अपने लिए कुछ खाना खरीदने कॉलेज परिसर से बाहर गई थी। उसे पास के एक जंगली इलाके में घसीटा गया और वहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं।
इस बीच, बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी के नेतृत्व में भाजपा की ओडिशा इकाई का तीन सदस्यीय दल मंगलवार दोपहर दुर्गापुर पहुंचा। वे पीड़िता के माता-पिता से और यदि संभव हुआ तो पीड़िता से भी बात करेंगे।