क्या अगस्ता वेस्टलैंड केस में क्रिश्चियन मिशेल को ईडी मामले में राहत मिली?
सारांश
Key Takeaways
- क्रिश्चियन मिशेल को ईडी मामले में राहत मिली है।
- सीबीआई से जुड़े मामले में अभी रिहाई नहीं मिली।
- उसे लगभग 7 साल से हिरासत में रखा गया है।
- अदालत ने गंभीर आरोपों का उल्लेख किया है।
- मामला अभी भी अदालत में लंबित है।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को राऊज एवेन्यू कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसकी रिहाई का आदेश दिया है। हालांकि, यह राहत उसे तत्काल जेल से बाहर नहीं निकाल पाएगी, क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जुड़े मामले में अभी कोई रिहाई आदेश नहीं आया है। ऐसे में उसे अभी जेल में ही रहना होगा。
कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्रिश्चियन मिशेल के वकील ने यह दलील दी कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, फिर भी वह लगभग 7 साल से हिरासत में है, जो इस मामले में संभावित अधिकतम सजा के बराबर है।
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले क्रिश्चियन मिशेल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। वहीं, सीबीआई केस में उसे सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिली थी, लेकिन उसके पासपोर्ट की अवधि समाप्त होने और जमानत की शर्तों के तहत आवश्यक श्योरिटी न मिल पाने के कारण वह अब तक जेल से बाहर नहीं आ सका था।
इसके पूर्व, 8 अगस्त को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल को बड़ा झटका दिया था। उस समय कोर्ट ने उसकी उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने जेल से रिहाई के निर्देश देने की मांग की थी। अदालत ने कहा था कि आरोपी पर आईपीसी की धारा 467 के तहत गंभीर आरोप हैं, जिनमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि उसने अधिकतम सजा की अवधि पहले ही पूरी कर ली है।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि धारा 467 लागू होती है या नहीं, यह फैसला आरोप तय होने के दौरान किया जाएगा। तब तक आरोपी को रिहा नहीं किया जा सकता।
क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को 5 दिसंबर 2018 को संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। भारत पहुंचते ही सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया और इसके कुछ दिन बाद ईडी ने भी उसे हिरासत में ले लिया। तब से वह जेल में बंद है।