क्या अहमदाबाद में गीता जयंती पर 'गीता महोत्सव' का आयोजन हो रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- गीता महोत्सव का आयोजन अहमदाबाद में 1 दिसंबर को होगा।
- मुख्य कार्यक्रम स्वामीनारायण इंटरनेशनल स्कूल में होगा।
- इसमें गीता पाठ और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं।
- लगभग 200 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है।
- सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
अहमदाबाद, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अहमदाबाद ग्रामीण और शहर के जिला शिक्षा कार्यालय गीता जयंती के अवसर पर सोमवार को गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड के सहयोग से 'गीता महोत्सव' का आयोजन करेंगे। इस भव्य कार्यक्रम का मुख्य केन्द्र रानिप का स्वामीनारायण इंटरनेशनल स्कूल होगा, जहाँ गीता पूजन का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर भगवद गीता का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही, संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति पर आधारित एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी।
केंद्रीय कार्यक्रम के अलावा, अहमदाबाद में तीन रिव्यू सेंटर गीता पाठ सत्र और शत सुभाषित का जाप करेंगे, जिससे छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी बढ़ सके। इस समारोह में लगभग 200 प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिन्हें सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
इस आयोजन से पहले, जिला शिक्षा कार्यालय ने तैयारियों की निगरानी और सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक रिव्यू मीटिंग आयोजित की।
गुजरात में गीता महोत्सव वर्षों से एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहल के रूप में मनाया जा रहा है, जिसमें शिक्षा, परंपरा और सामुदायिक भागीदारी का संगम होता है।
राज्य भर के स्कूल, कॉलेज, संस्कृत बोर्ड और स्थानीय प्रशासन इस अवसर को व्यापक स्तर पर गीता पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, संस्कृत विरासत पर प्रदर्शनी और सार्वजनिक सभा के साथ मनाते हैं, जो भगवद गीता के अनंत शिक्षाओं को उजागर करते हैं।
समय के साथ, यह महोत्सव गुजरात में एक बड़ा आंदोलन बन गया है, जिसमें मंदिरों, शैक्षणिक संस्थानों और जिला स्तर पर समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो राज्य की संस्कृति को संरक्षित, बढ़ावा देने और छात्रों और नागरिकों के बीच गीता के दार्शनिक ज्ञान की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए एक लंबे समय से की जा रही प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
भारत में गीता महोत्सव भगवद गीता के जन्म की स्मृति में मनाया जाने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसे पूरे देश में आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों के साथ मनाया जाता है।
यह दिन कुरुक्षेत्र के युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण के उपदेशों की याद में मनाया जाता है। इस महोत्सव में बड़े पैमाने पर गीता पाठ, सेमिनार, सांस्कृतिक प्रदर्शन, भारतीय दर्शन पर प्रदर्शनी और युवाओं के लिए प्रतियोगिताएँ शामिल हैं।