क्या अहमदाबाद में छात्र की हत्या पर अभिभावकों का गुस्सा जायज़ है?

सारांश
Key Takeaways
- अहमदाबाद में छात्र की हत्या से भड़का गुस्सा
- स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़
- पुलिस ने आरोपी छात्र को हिरासत में लिया
- अभिभावकों की आवाज़ उठाने का महत्व
- शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता
अहमदाबाद, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अहमदाबाद के एक स्कूल में हमला होने के कारण घायल छात्र की मृत्यु के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। सिंधी समाज के सदस्यों और मृतक छात्र के परिवार में गहरा आक्रोश है। बुधवार को बड़ी संख्या में लोग स्कूल के बाहर इकट्ठा हुए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अभिभावकों ने विरोध में स्कूल में कथित तौर पर तोड़फोड़ की।
घटना 19 अगस्त को खोखरा क्षेत्र के सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट स्कूल में हुई। शुरू में दो छात्रों के बीच मामूली विवाद था। इसी दौरान, आठवीं कक्षा के छात्र ने बहस के बाद दसवीं कक्षा के छात्र को चाकू मार दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
इस घटना के बाद, स्कूल में तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो गया, क्योंकि पीड़ित के रिश्तेदार और अन्य लोग परिसर में इकट्ठा हो गए। उन्होंने स्कूल के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल पर लापरवाही का आरोप लगाया और 'न्याय' मिलने तक छात्र का शव लेने से मना कर दिया।
अभिभावकों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन को और तेज करते हुए सड़क को जाम कर दिया। गुस्साई भीड़ स्कूल के बाहर जाकर सड़क पर बैठ गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की हुई। गुस्साई भीड़ स्कूल के अंदर भी घुस गई और स्कूल स्टाफ के साथ हाथापाई की।
अभिभावकों ने मांग की कि स्कूल प्रशासन और प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने छात्र की हत्या के बाद स्कूल की मान्यता रद्द करने और बुलडोजर कार्रवाई के माध्यम से संपत्ति को भी जब्त करने की मांग की।
फिलहाल, आरोपी छात्र पुलिस की हिरासत में है। खोखरा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।