क्या एयर मार्शल संजीव घुरटिया बने वायुसेना के ऑफिसर-इन-चार्ज मेंटेनेंस?

सारांश
Key Takeaways
- एयर मार्शल संजीव घुरटिया को ऑफिसर-इन-चार्ज मेंटेनेंस का कार्यभार सौंपा गया।
- उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उनका अनुभव भारतीय वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होगा।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल संजीव घुरटिया को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। एवीएसएम और वीएसएम जैसे सम्मानों से सम्मानित एयर मार्शल संजीव घुरटिया अब भारतीय वायुसेना के ऑफिसर-इन-चार्ज मेंटेनेंस के पद पर नियुक्त किए गए हैं। रक्षा मंत्रालय ने इस संदर्भ में जानकारी प्रदान की है कि एयर मार्शल संजीव ने सोमवार 1 सितंबर को नई दिल्ली स्थित वायु सेना मुख्यालय में इस पद का कार्यभार संभाल लिया है।
कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात एयर मार्शल ने उन सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के लिए अपने सर्वोच्च बलिदान दिए हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एयर मार्शल संजीव घुरटिया ने वायुसेना की एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग शाखा में सितंबर 1988 में कमीशन प्राप्त किया था।
वे डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन, एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल, बेंगलुरु और एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज, बेंगलुरु के पूर्व छात्र हैं। इसके अतिरिक्त, एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में वे जीईसी, जबलपुर, बिट्स पिलानी और मद्रास विश्वविद्यालय के भी पूर्व छात्र रहे हैं।
एयर मार्शल संजीव घुरटिया ने भोपाल विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है। वे रॉयल एयरोनॉटिकल सोसाइटी, लंदन, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के फेलो भी हैं। इसके अलावा, एयर मार्शल संजीव घुरटिया, आईएसओ 45,000 (ओएच एंड एसएमएस) के लीड ऑडिटर और सोसाइटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स, अमेरिका के एसोसिएट सदस्य भी हैं।
एक वायु सेना अधिकारी के रूप में, उन्होंने अपने 37 वर्षों के अद्भुत करियर में वायुसेना और विदेश में संयुक्त राष्ट्र मिशन में कई महत्वपूर्ण कमान और स्टाफ पदों पर कार्य किया है। एयर ऑफिसर-इन-चार्ज मेंटेनेंस का कार्यभार संभालने से पहले, वे मुख्यालय एमसी में वरिष्ठ मेंटेनेंस स्टाफ ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। उनकी विशिष्ट सेवा के लिए, एयर मार्शल संजीव घुरटिया को राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2016 में 'विशिष्ट सेवा पदक' और 2025 में 'अति विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किया गया। संयुक्त राष्ट्र मिशन कांगो में सेवा करते हुए, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के फोर्स कमांडर द्वारा भी प्रशंसा प्राप्त हुई।