क्या दीपावली हमारे अध्यात्म और विज्ञान का प्रतीक है? अखिलेश यादव पर धर्मगुरु स्वामी नरेंद्राचार्य का पलटवार

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली का महत्व: यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि अध्यात्म और विज्ञान का प्रतीक है।
- बयान का उद्देश्य: ऐसे बयान धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए दिए जा रहे हैं।
- सामाजिक एकता: सभी नागरिकों को एकता बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
मुंबई, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव द्वारा दीपावली को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर पूरे देश में तीखी प्रतिक्रियाएँ उठ रही हैं। इसी संदर्भ में हिंदू धर्म गुरु जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी नरेंद्राचार्य जी महाराज ने इस बयान की गंभीर निंदा की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का बयान हिंदू परंपराओं का अपमान करता है और यह केवल राजनीतिक लाभ के लिए कहा गया है।
स्वामी नरेंद्राचार्य ने कहा कि सभी जानते हैं कि अखिलेश यादव के पिता किस धर्म का समर्थन करते थे। इसलिए उनके पुत्र अखिलेश यादव से किसी सकारात्मक अपेक्षा की कोई संभावना नहीं है। लोगों को उनके बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हम सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हैं और अपनी आस्था पर गर्व करते हैं। दीपावली पर जलाए जाने वाले दीये केवल परंपरा नहीं, बल्कि अध्यात्म और विज्ञान दोनों का प्रतीक हैं।
महाराज ने कहा कि अखिलेश यादव यह बात कभी नहीं समझ पाएंगे। अगर उन्हें हिंदू धर्म से इतनी समस्या है तो उन्हें बस टोपी पहन लेनी चाहिए और ईसाई बन जाना चाहिए। हिंदू धर्म के बारे में संदेश देना उनका कार्य नहीं है।
धर्मगुरु ने आगे कहा कि चुनावी समय में ऐसे बयान दिए जा रहे हैं ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण किया जा सके। हम इस बयान का कड़ा विरोध करते हैं। हमारा सनातन धर्म जो दीप जलाता है, वह प्रेम और प्रकाश का प्रतीक है, न कि राजनीति का।
स्वामी नरेंद्राचार्य ने इस दौरान पुणे के शनिवार वाडा में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़े जाने की घटना पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि समाज में विभाजन पैदा किया जा सके। उन्होंने कहा कि 'लव मोहम्मद, लव जिहाद' जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं और कुछ राजनीतिक दल इन घटनाओं को समर्थन देते हैं। ऐसे दलों को जनता को मतदान के जरिए जवाब देना चाहिए।
महाराज ने आगे कहा कि धर्मों के बीच विवाद पैदा करने की साजिशें देश के लिए हानिकारक हैं और सभी नागरिकों को सतर्क रहकर सामाजिक एकता बनाए रखनी चाहिए।