क्या अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार की शुरुआत आयोग से होनी चाहिए कहा? एसआईआर को छिपा हुआ एनआरसी बताया

Click to start listening
क्या अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार की शुरुआत आयोग से होनी चाहिए कहा? एसआईआर को छिपा हुआ एनआरसी बताया

सारांश

सपा सांसद अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने यूपी में उपचुनावों में निष्पक्षता की कमी का जिक्र किया और रामपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत को संदिग्ध बताया। क्या चुनाव सुधार की प्रक्रिया का आरंभ चुनाव आयोग से होना चाहिए?

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए गए हैं।
  • रामपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत को संदिग्ध माना गया है।
  • बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग की गई है।
  • सोशल मीडिया पर भाजपा के नेगेटिव कैंपेन का उल्लेख किया गया है।
  • चुनाव सुधार की प्रक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने यूपी में हुए उपचुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि चुनाव में निष्पक्षता कहीं भी नजर नहीं आई। उन्होंने रामपुर उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व और मुख्यमंत्री ने पहले से ही तय कर लिया था कि यहां से भाजपा की जीत होगी।

उन्होंने कहा कि वोटिंग के दिन हमने देखा कि किस तरह से पुलिस-प्रशासन इस बात पर ध्यान दे रहा था कि कोई वोटर घर से न निकले। यह पहली बार था जब भाजपा ने वहां से लोकसभा चुनाव जीता। हमने चुनाव आयोग को एक-एक घटना की सूचना दी, लेकिन आयोग ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यदि कोई कार्रवाई हुई हो तो बताएं। समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती है, लेकिन आयोग का काम निष्पक्ष रहना है। एक समय था जब कांग्रेस से लड़ते थे, आज आपसे लड़ रहे हैं। हमारी पार्टी के पहले केवल पांच सांसद थे, अब हम यूपी में सबसे बड़ी पार्टी हैं।

सपा सांसद अखिलेश यादव ने सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव के लिए कांग्रेस की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर से वोटिंग होनी चाहिए। जो लोग तकनीक का हवाला दे रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि जापान और जर्मनी जैसे देश कहां खड़े हैं और भारत कहां है। इसके बावजूद जब जापान और जर्मनी जैसे देश बैलेट पेपर से वोटिंग करा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?

फ्रीबिज पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हमने यूपी में एक नई नीति बनाई। उस समय भाजपा ने कहा कि यह चुनाव प्रभावित करने के लिए किया गया है और आयोग से रोक लगवाने का प्रयास किया गया था। टीवी पर बराबर स्पेस मिलना चाहिए, सोशल मीडिया पर नेगेटिव कैंपेन में भाजपा हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इलेक्टोरल बॉन्ड्स सबसे ज्यादा भाजपा को और दूसरे नंबर पर कांग्रेस को मिले।

अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस भी हमें यह नहीं बताती कि यह धन कहां से आता है। यह एक दिखाई देने वाला खेल है, जिसमें रीजनल पार्टियों का क्या होगा? वहीं, एसआईआर के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में 10 लोगों की जान जा चुकी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव सुधार की प्रक्रिया सबसे पहले चुनाव आयोग से ही शुरू होनी चाहिए। चंडीगढ़ में जिस तरह वोट चुराए गए, मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया, एक ही व्यक्ति ने कई बार वोट डाला और वोटिंग के दिन सरकारी योजनाओं के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गई, ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए। वन नेशन-वन इलेक्शन के साथ-साथ वोटर लिस्ट को भी एक करने की बात हो रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में तो आधार कार्ड जैसी पहचान को भी मान्यता नहीं दी जा रही। यह एसआईआर नहीं है, यह अंदरखाने में एनआरसी जैसा काम चल रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि चुनाव सुधार का मुद्दा न केवल राजनीति में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव को भी प्रभावित करता है। अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवाल जनता के विश्वास को बहाल करने और चुनाव प्रक्रिया को सही दिशा में ले जाने के लिए आवश्यक हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार के लिए क्या कहा?
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव सुधार की शुरुआत सबसे पहले चुनाव आयोग से होनी चाहिए।
क्या यूपी में उपचुनाव निष्पक्ष थे?
यूपी में उपचुनावों में निष्पक्षता की कमी का आरोप लगाया गया है।
आयोग ने कार्रवाई क्यों नहीं की?
उन्होंने बताया कि आयोग ने भाजपा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
बैलेट पेपर से वोटिंग क्यों होनी चाहिए?
अखिलेश यादव ने कहा कि तकनीक की दुहाई देने वालों को देखना चाहिए कि अन्य देशों में बैलेट पेपर से वोटिंग हो रही है।
भाजपा के खिलाफ अखिलेश यादव ने क्या आरोप लगाए?
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने वोटरों को प्रभावित करने के लिए सरकारी योजनाओं का उपयोग किया।
Nation Press