क्या अखलाक हत्याकांड में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका खारिज की? अगली सुनवाई 6 जनवरी को
सारांश
Key Takeaways
- अखलाक हत्याकांड में न्यायिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण मोड़ आया है।
- अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
- कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
- अभियोजन पक्ष की याचिका को खारिज किया गया।
- मामला समाज में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रेटर नोएडा, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दादरी के बिसाहड़ा गांव में घटित अखलाक हत्याकांड को लेकर न्यायिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है।
इस मामले में आरोपियों के खिलाफ दायर मुकदमे को वापस लेने की शासन द्वारा पेश की गई याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका को बिना आधार और महत्वहीन बताते हुए स्पष्ट शब्दों में निरस्त कर दिया, जिससे यह पता चलता है कि इस संवेदनशील मामले में मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी।
ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोर्ट में आज दादरी अखलाक मॉब लिंचिंग हत्याकांड से संबंधित अभियोजन पक्ष की केस वापसी के आवेदन पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मुकदमा वापस लेने की अर्जी अदालत के समक्ष प्रस्तुत की, लेकिन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया और कहा कि प्रस्तुत तथ्यों के आधार पर यह याचिका न तो कानूनी रूप से मजबूत है और न ही न्याय के हित में।
कोर्ट के इस निर्णय के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अखलाक हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा आगे बढ़ेगा और नियमित सुनवाई जारी रहेगी। इसके लिए अगली तारीख 6 जनवरी निर्धारित की गई है।
कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा को लेकर भी सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी ग्रेटर नोएडा को निर्देश दिया है कि यदि इस मामले में किसी भी गवाह को सुरक्षा की आवश्यकता होती है, तो उन्हें तत्काल और पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।
कोर्ट का मानना है कि निष्पक्ष और भयमुक्त माहौल में गवाही होना न्यायिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत आवश्यक है। बिसाहड़ा गांव में घटित इस हत्याकांड ने देशभर में सामाजिक और राजनीतिक बहस को जन्म दिया था। यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है और समय-समय पर इससे जुड़े निर्णय सुर्खियों में रहे हैं। अब सभी की नजरें 6 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां से इस बहुचर्चित मामले की दिशा तय होगी।