क्या भारतीय सेना ने भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा में फंसे तीर्थयात्रियों को बचाया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना ने भूस्खलन से फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला।
- सैन्य की तत्परता से लगभग ५०० यात्रियों को टेंट में सुरक्षित रखा गया।
- लेख में दिखाया गया है कि सेना संकट के समय में मानवता की सेवा में हमेशा तत्पर रहती है।
- अमरनाथ यात्रा में सेना ने सुरक्षा के साथ-साथ जीवन रक्षक सहायता भी प्रदान की।
- भूस्खलन के कारण स्थिति अभी स्थिर है, लेकिन सेना हाई अलर्ट पर है।
नई दिल्ली, १७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सेना ने बुधवार की शाम को जम्मू-कश्मीर के ऊँचाई वाले इलाकों में तेज बारिश के कारण भूस्खलन से फंसे सैकड़ों अमरनाथ यात्रियों को बचाने का साहसिक कार्य किया।
जानकारी के अनुसार, शाम लगभग ७:१५ बजे, रायलपथरी और ब्रारीमार्ग के बीच जेड मोड़ पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसके कारण यात्रा रुक गई। इस घटना से सैकड़ों यात्री कठिनाइयों में फंस गए। हालाँकि, भारतीय सेना की ब्रारीमार्ग टुकड़ी को तत्परता से तैनात कर दिया गया।
भारतीय सेना ने वहां फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला और लगभग ५०० यात्रियों को सेना के टेंटों में सुरक्षित ठहराया है। साथ ही, उन्हें चाय और पीने का पानी भी उपलब्ध कराया गया। इसके अतिरिक्त, लगभग ३,००० अन्य यात्री ब्रारीमार्ग और जेड मोड़ के बीच लंगरों में शरण लिए हुए हैं, जहाँ उन्हें आश्रय और भोजन जैसी आवश्यक सहायता प्रदान की गई है।
एक गंभीर रूप से बीमार यात्री रायलपथरी में दो भूस्खलन स्थलों के बीच फंस गया था। सेना की क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) ने जोखिम भरे रास्तों और खराब मौसम में मैनुअल स्ट्रेचर के माध्यम से उसे सुरक्षित निकाला और रायलपथरी लाया, जहाँ से उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
ब्रारीमार्ग के कैंप डायरेक्टर और सेना के कंपनी कमांडर जैसे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
भारतीय सेना ने पुष्टि की है कि अब स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है। क्षेत्र में हल्की बारिश जारी रहने के कारण सेना के जवान हाई अलर्ट पर हैं। यह बचाव और राहत अभियान उच्च ऊंचाई वाले और आपदा क्षेत्रों में नागरिकों की रक्षा के लिए भारतीय सेना के अडिग संकल्प और तत्परता को प्रदर्शित करता है।
अप्रत्याशित मौसम के बीच अमरनाथ यात्रा आगे बढ़ रही है। इस यात्रा के दौरान सेना न केवल सुरक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि जीवन रक्षक सहायता और करुणा के साथ दृढ़ता से खड़ी है।
भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित किया है कि वह केवल एक सैन्य बल नहीं, बल्कि इस राष्ट्र का एक मजबूत स्तंभ है, जो हर चुनौती में यात्रियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है।