क्या अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए, वरना आंदोलन होगा: तेज प्रताप यादव?

सारांश
Key Takeaways
- तेज प्रताप यादव की कड़ी मांग है कि अपशब्दों के प्रयोग करने वालों को जेल भेजा जाए।
- उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है यदि कार्रवाई नहीं की गई।
- मां के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल निंदनीय है, इस पर जोर दिया गया है।
- कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया है।
- सामाजिक मर्यादा बनाए रखने की आवश्यकता को बताया गया है।
पटना, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी को लेकर विवाद और बढ़ गया है। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव के बड़े भाई और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने सख्त रुख अपनाया है।
तेज प्रताप यादव ने रविवार को मीडिया के सामने कहा कि अपशब्दों का उपयोग करने वालों को जेल भेजा जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो उनकी पार्टी जनशक्ति जनता दल महुआ में आंदोलन शुरू करेगी।
उन्होंने कहा कि अपशब्दों के प्रयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए। तेज प्रताप यादव ने कहा कि हम पहले भी यह कह चुके हैं और फिर से दोहराते हैं, किसी भी मां को गाली देना निंदनीय है। मां हमेशा मां होती है। वह अपने बच्चे को जन्म देती है और नौ महीने तक उसे अपने गर्भ में रखती है। मां की बेइज्जती करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और उन्हें तुरंत जेल भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई न केवल आवश्यक है, बल्कि लोकतंत्र और सांप्रदायिक-सामाजिक मर्यादा बनाए रखने के लिए अनिवार्य भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। हम बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों से ज्ञापन के माध्यम से इसकी त्वरित कार्रवाई की मांग करते हैं।
तेज प्रताप यादव ने सख्त लहजे में आगे कहा कि अगर आरोपियों को जेल नहीं भेजा गया तो वे आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। तेज प्रताप ने कहा कि अगर उन्हें जेल नहीं भेजा जाता है, तो हम आंदोलन करेंगे। हमारी पार्टी, जनशक्ति जनता दल, महुआ में आंदोलन करने का कार्य करेगी।