क्या इंदौर के चूहों के कुतरने से नवजात शिशुओं की मौत का मामला गंभीर है?

सारांश
Key Takeaways
- अमानवीय घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाया है।
- जयस संगठन ने प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग की है।
- अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से नवजात बच्चों की जान गई।
- सरकार पर है दबाव कि जल्दी कार्रवाई की जाए।
- इस मामले ने सियासत को भी गर्म कर दिया है।
इंदौर, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के एमवाय अस्पताल में 1 सितंबर को नवजात शिशुओं को चूहों द्वारा कुतरने की एक भयानक घटना के बाद, रविवार को फिर से अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह अस्पताल मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है।
जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के कार्यकर्ता रविवार सुबह बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इस गंभीर लापरवाही के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल का घेराव किया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि इस अमानवीय घटना के लिए अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारी सीधे तौर पर दोषी हैं। प्रशासन ने मामले की जांच में केवल खानापूर्ति की है।
उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी दोषी अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जांच अधिकारी इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे लापरवाह अधिकारी बेखौफ घूम रहे हैं। सरकार भी इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मजूमदार ने इस घटना को 'अमानवीय' बताते हुए मांग की कि अस्पताल के डीन समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
लोकेश ने कहा कि अगर जल्दी ही कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में फिर से ऐसी घटनाएं हो सकती हैं।
अस्पताल के बाहर घंटों तक चले विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जयस के कार्यकर्ताओं से बातचीत कर मामला शांत कराया।
हाल ही में एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से दो नवजात शिशु गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिनकी बाद में मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को नोटिस जारी कर रिपोर्ट भी मांगी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट नहीं आने के कारण सियासत तेज हो रही है।
—राष्ट्र प्रेस
एसएके/एएस