क्या पूर्व राजनायिक ने एच1बी वीजा पर कहा; 'ट्रंप का फैसला दो धारी तलवार, अमेरिका को भी उठाना पड़ेगा नुकसान'?

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क्या पूर्व राजनायिक ने एच1बी वीजा पर कहा; 'ट्रंप का फैसला दो धारी तलवार, अमेरिका को भी उठाना पड़ेगा नुकसान'?

सारांश

क्या एच1बी वीजा में बदलाव से अमेरिका को भी होगा नुकसान? पूर्व राजनयिक महेश सचदेव के मुताबिक, ट्रंप का निर्णय भारत के साथ-साथ अमेरिका के लिए भी संकट लाएगा। जानें इसके प्रभाव और नवाचार में बाधा का कारण।

Key Takeaways

  • ट्रंप का एच1बी वीजा पर निर्णय दो धारी तलवार है।
  • इससे भारत के साथ अमेरिका को भी नुकसान होगा।
  • भारतीय आईटी क्षेत्र प्रभावित होगा और संख्या में कमी आएगी।
  • अमेरिका नवाचार में पिछड़ सकता है।
  • अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा में बाधा आएगी।

नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा एच1बी वीजा के प्रावधानों में बदलाव का मुद्दा गर्मा गया है। नए नियमों का प्रभाव मुख्यतः भारत पर देखने को मिलेगा। रविवार को इस विषय पर पूर्व राजनयिक महेश सचदेव ने कहा कि ट्रंप का यह निर्णय दो धारी तलवार की तरह है, जिससे भारत के साथ-साथ अमेरिका को भी नुकसान होगा।

महेश सचदेव ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच1बी वीजा के लिए जो नया आदेश जारी किया है, इसका सीधा असर भारत पर पड़ेगा, क्योंकि एच1बी वीजा का अधिकांश उपयोग भारतीय नागरिक करते हैं। पिछले वर्ष एच1बी वीजा धारकों में भारत की भागीदारी 71 प्रतिशत थी, जिसमें अधिकतर आईटी क्षेत्र के कर्मी थे। इन सभी ने अमेरिका के आईटी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन ट्रंप का कहना है कि ये लोग अमेरिका में उनके नागरिकों की जगह लेते हैं। यही कारण है कि उन्होंने एच1बी वीजा पर एक लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) का अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।"

सचदेव ने कहा, "भारतीय आईटी क्षेत्र और कंपनियाँ इस निर्णय से प्रभावित होंगी। इस निर्णय के बाद भारतीयों के अमेरिका जाने पर प्रतिबंध लगेगा और संख्या में कमी आएगी। इसके साथ ही, भारतीय कंपनियों को अमेरिका के नागरिकों का प्रयोग करना होगा। अब आईटी कंपनियों को भारत से ही बैक ऑफिस के रूप में काम करना आवश्यक हो जाएगा, क्योंकि इस पर अभी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यह निर्णय दो धारी तलवार की तरह है; इससे भारत को नुकसान तो होगा ही, साथ ही अमेरिका को भी नुकसान होगा।"

उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका चीन के साथ प्रतियोगिता में लगा हुआ है, जहां उसे नवाचार की अत्यधिक आवश्यकता है। ऐसे में यदि अमेरिका बाहर से आने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाता है, तो नवाचार को नुकसान होगा और चीन के साथ अपनी प्रतिस्पर्धा में अमेरिका पिछड़ सकता है। अमेरिका ने हमेशा अपनी बढ़त इसीलिए बनाई है क्योंकि वह विदेशी योग्य व्यक्तियों को अपने यहां आने और काम करने की अनुमति देता है। जैसे कि सिलिकॉन वैली में जितने भी स्टार्टअप हैं, उनमें से आधे से अधिक भारतीय मूल के हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एच1बी वीजा के प्रावधानों में बदलाव का असर न केवल भारत पर बल्कि अमेरिका पर भी पड़ेगा। इस निर्णय का उद्देश्य अमेरिका के नागरिकों की सुरक्षा के लिए हो सकता है, लेकिन इससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नवाचार में कमी आ सकती है। हमें यह समझना होगा कि यह समस्या केवल एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

एच1बी वीजा क्या है?
एच1बी वीजा एक कार्य वीजा है जो अमेरिका में विदेशी पेशेवरों को काम करने की अनुमति देता है।
ट्रंप का एच1बी वीजा पर निर्णय क्या है?
ट्रंप ने एच1बी वीजा के लिए एक लाख डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस निर्णय से भारतीयों का अमेरिका में जाने पर प्रतिबंध लगेगा और संख्या में कमी आएगी।
क्या अमेरिका को भी नुकसान होगा?
हाँ, यह निर्णय अमेरिका के नवाचार और प्रतिस्पर्धा में बाधा पैदा कर सकता है।
भारतीय आईटी क्षेत्र पर क्या असर होगा?
भारतीय आईटी क्षेत्र और कंपनियाँ इस निर्णय से प्रभावित होंगी और उन्हें अमेरिका के नागरिकों का उपयोग करना होगा।