क्या पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है? : प्रशांत किशोर

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने मोदी के खिलाफ टिप्पणियों को फिक्स्ड मैच कहा।
- असली मुद्दों पर चर्चा की कमी पर चिंता जताई।
- बेनामी संपत्तियों के आरोपों को दोहराया।
- राजनीतिक नाटक और असली मुद्दों के बीच का संबंध।
- बिहार की राजनीति में सत्यता का आह्वान।
जहानाबाद, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राजद की रैली में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को 'फिक्स्ड मैच' बताया। उनका कहना है कि यह सब चुनावी नाटक है, परंतु असली मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा रही।
जहानाबाद में मीडिया से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "जो लोग प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हैं या जिन्हें भाजपा 'गालिबाज' कह रही है, उनका यह 'फिक्स्ड मैच' चुनाव के लिए है। जनता इसमें उलझ जाएगी, लेकिन कोई यह नहीं बोलेगा कि महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में बिहारी युवाओं को दी जाने वाली गालियों को कैसे रोका जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "तेजस्वी यादव के मंच से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जबकि तेजस्वी की माता राबड़ी देवी बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को अपना भाई मानती हैं। क्या यह जनता को बेवकूफ बनाने का तरीका नहीं है?"
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी पर बेनामी संपत्ति जुटाने के आरोपों को फिर से दोहराया। उनका कहना था, "अशोक चौधरी ने 200 करोड़ की ज़मीन को विभिन्न समय पर खरीदा है और अब उन्हें बिहार की जनता को बताना चाहिए कि उनमें से कौन सी प्रॉपर्टी सही है और कौन सी गलत है। बेनामी संपत्ति के मुद्दे पर उन्हें जवाब देना होगा। अगर मैंने गलत कहा है तो मुझे जेल भेजें और मुझ पर मानहानि का केस करें। नहीं तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "उनकी ही पार्टी के नीरज कुमार ने कहा है कि अगर उन पर आरोप लगा है तो उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए।"