क्या दिल्ली में नशे के खिलाफ सख्ती नहीं दिखा रही भाजपा सरकार?: दुर्गेश पाठक

सारांश
Key Takeaways
- राजेंद्र नगर में ड्रग्स के इंजेक्शन का मिलना गंभीर चिंता का विषय है।
- भाजपा सरकार पर कार्रवाई न करने का आरोप है।
- नशे की समस्या पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- पंजाब में नशे के खिलाफ काम किया जा रहा है, पर दिल्ली में नहीं।
- नशा तस्करों और सरकार के बीच संभावित गठजोड़ की आशंका है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजेंद्र नगर विधानसभा के पार्कों में ड्रग्स के लिए प्रयोग किए गए इंजेक्शन मिलने पर आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक ने दिल्ली सरकार पर निस्वार्थ तरीके से हमला किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार नशे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।
दुर्गेश पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश की राजधानी में नशे का आतंक बढ़ता जा रहा है, लेकिन भाजपा सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके पीछे या तो सरकार की नाकामी है या फिर यह नशा तस्करों के साथ मिली हुई है।
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र के नारायण गांव के पार्कों में इंजेक्शन मिल रहे हैं, जो ड्रग्स के लिए उपयोग हो रहे हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक है और प्रधानमंत्री आवास से केवल पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
अगर इस क्षेत्र को दिल्ली का दिल कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। राजेंद्र नगर विधानसभा के पार्कों की स्थिति भी इसी तरह की है, जहां 500 से 1000 की संख्या में ड्रग्स के लिए इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन मिलते हैं। कोड वर्ड और किसी विशेष पहचान के बाद ड्रग्स आसानी से उपलब्ध हैं।
राजेंद्र नगर विधानसभा से भाजपा के विधायक भी इसी क्षेत्र में निवास करते हैं और यह पार्क विधायक के घर से मात्र 200 मीटर की दूरी पर है। यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक वर्ष पूर्व विधानसभा में यह मुद्दा उठाया गया था, वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा, 'मैं भाजपा सरकार, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और एलजी से अनुरोध करता हूं कि नशे के खिलाफ सख्ती दिखाएं और इसके विरुद्ध कार्रवाई करें। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो यह साबित हो जाएगा कि नशा तस्करों के साथ भाजपा सरकार मिली हुई है।'
पाठक ने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जबसे भाजपा की चार इंजन की सरकार दिल्ली में आई है, तबसे नशे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वहीं, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नशे के खिलाफ प्रभावी कार्य किया है, लेकिन दिल्ली में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।